सपा-कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चाएं तेज़

लखनऊ: सपा से गठबंधन की जमीन तलाशने की मुहिम की पिछली कोशिश के बाद कांग्रेस की आलोचना से बेपरवाह पार्टी के चुनावी रणनीतिकार ने सोमवार को दूसरा बड़ा कदम उठाते हुए मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव से उनके घर पर मुलाकात की. उल्‍लेखनीय है कि अगले साल राज्‍य में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.

गौरतलब है कि पिछले सप्‍ताह प्रशांत किशोर ने दिल्‍ली में अखिलेश के पिता और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर कई घंटों तक विचार-विमर्श किया था. उसके बाद से ही दोनों दलों के बीच गठबंधन की चर्चाओं को बल मिला. हालांकि कांग्रेस के भीतर से ही इसके खिलाफ आवाजें भी उठ रही हैं.

मुलायम सिंह से प्रशांत किशोर की मुलाकात के बाद यूपी कांग्रेस प्रमुख राज बब्‍बर ने कहा था, ''यह एक स्‍वतंत्र देश है और वह (प्रशांत) किसी भी मुलाकात कर सकते हैं.'' साथ ही राज बब्‍बर ने इस बात पर भी जोर दिया था कि कांग्रेस ने प्रशांत को बातचीत के लिए नहीं कहा था.

प्रशांत किशोर इस कदम के साथ-साथ प्रत्‍याशियों की सूची बनाने और संभावित गठबंधन की जमीन तलाशने के मसले पर लगातार कांग्रेस नेताओं के निशाने पर रहे हैं. हालांकि प्रशांत किशोर के करीबी सूत्रों ने इस बारे में कहा कि वह मुलाकात महागठबंधन की व्‍यापक संभावित जमीन तलाशने पर थी.

गौरतलब है कि पिछले साल बिहार में गैर बीजेपी दलों ने महागठबंधन बनाया था और नतीजतन चुनावी सफलता के बाद नीतीश कुमार फिर से बिहार के मुख्‍यमंत्री बने. उस दौरान प्रशांत किशोर, नीतीश के रणनीतिकार थे. हालांकि मुलायम सिंह तब उस महागठबंधन से यह कहकर हट गए थे कि उनकी पार्टी को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. लिहाजा सपा अकेले बिहार चुनाव में उतरी लेकिन चुनावी खाता खोलने में नाकाम रही.

हालांकि सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस, सपा में मचे घमासान की वजह से इसके साथ गठजोड़ की बातचीत के पक्ष में नहीं है. हाल में सपा के भीतर अखिलेश और पिता मुलायम सिंह के बीच विवाद भी सार्वजनिक रूप से देखा गया है. मुलायम सिंह ने चुनाव जीतने की स्थिति में दोबारा अखिलेश की ताजपोशी संबंधी पुष्टि से भी इनकार कर दिया.

यद्यपि इन सबके बीच पांच नवंबर को सपा के लखनऊ में पार्टी के रजत जयंती कार्यक्रम में कई दलों के वरिष्‍ठ नेताओं के जमावड़े को संभावित गठबंधन की सियासी जमीन तलाशने की दृष्टि से देखा जा रहा है. हालांकि एकजुटता को प्रदर्शित करने वाले उस कार्यक्रम में कांग्रेस ने हिस्‍सा नहीं लिया था.