लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी विकास रथयात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि यह सपा परिवार के विवादित और सपा सरकार के उलझे व बेहाल मुख्यमंत्री की बदहाल विकास रथयात्रा है।

पार्टी मुखिया मायावती ने कहा है कि इस रथयात्रा में ज़्यादातर वही लोग शामिल हैं जिन्होंने सपा में वर्चस्व की लड़ाई में सपा मुख्यालय व सपा मुखिया के घर के सामने दबंगई व हुड़दंगबाज़ी की थी। इनमें से कई लोगों पर उनकी पार्टी द्वारा अनुशासनिक कार्रवाई तक की गई है। उन्होंने जनता से अपील की है कि ऐसी बिगड़ैल सरकार से प्रदेश का न कोई भला हुआ है और न ही इनसे कोई अच्छी उम्मीद ही करनी चाहिए।

मायावती ने कहा कि अपने निजी, राजनैतिक स्वार्थ के लिए रथयात्रा का अत्याधिक सरकारीकरण निन्दनीय है। मंच पर मौजूद सपा के नेतागणों में आपसी युद्ध का तनाव पुन: सार्वजनिक तौर पर दिखा। उन्होंने कहा कि सपा सरकार द्वारा घोषणा-पत्र लागू करने आदि का दावा खोखला व हवा-हवाई है। प्रदेश की लगभग 22 करोड़ जनता हर स्तर पर वर्तमान सपा सरकार की अराजकता, भ्रष्टाचार व जंगलराज से दुखी और बदहाल है।

उन्होंने बयान जारी कर कहा कि सपा सरकार में यह कहावत चरितार्थ हो गई-जस बाप तस बेटा। सपा परिवार, पार्टी व सरकार में वर्चस्व की लड़ाई में टकराव जारी है। इस टकराव में सीएम आवास तक की मर्यादा को भी नहीं बख़्शा गया। वहां भी मंत्री-विधायक आपस में भिड़े, गाली-ग़लौज व मारपीट की गई।

इससे 2 जून, 1995 की लखनऊ स्टेट गेस्ट हाउस काण्ड की याद ताज़ा हो गई। उन्होंने राज्यपाल पर उंगली उठाई और कहा कि इस सबके बावजूद राज्यपाल का कहना कि प्रदेश में कोई संवैधानिक संकट नहीं और भाजपा का इस प्रकरण पर खामोश बने रहना सपा-भाजपा की आपसी मिलीभगत को साबित करता है।