कानपुर :- कानपुर सहित पूरे देश में डेंगू व चिकनगुनिया और अन्य बीमारियों का कहर जारी है। इन बीमारियों से सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं। केंद्रीय एवं प्रांतीय सरकारों की स्वास्थ्य विभाग फेल हो चुका है। चिकित्सा विभाग केवल कमाई का क्षेत्र बन गया है। इंसानियत और सेवाभाव से अधिकतर डॉक्टर खाली हो चुके हैं उनकी पहली और अंतिम पसंद पैसा रह गया है। सरकारों का नियंत्रण केवल रिकार्ड और कागज़ में नजर आता है। व्यावहारिक जीवन में सरकारें अपना नियंत्रण खो चुकी हैं, यहां तक कि अदालतों को सरकारों पर कार्यवाही करनी पड़ रही है। देश की जनता अजीब किस्म की बेबसी का शिकार है। इसलिए मुसलमानों को मानवीय भावना के साथ आगे आना चाहिए और केवल अल्लाह की खुशी के लिए समाज सेवा को अपना मिशन बना लेना चाहिए। उक्त विचार जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी कार्यवाहक काजी ए शहर कानपुर ने व्यक्त किया। उन्होंने मुसलमानों से विशेष रूप से गुनाहों से तौबा, बुराइयों से बचने की हिदायत करते हुए कहा कि रोग हमारे गुनाहों का परिणाम हो सकते हैं। इसलिए तौबा व इस्तेग़फार में करते रहें। इलाज में कमी न करें पूरा इलाज करें, परहेज और सतर्कता के साथ पैगम्बर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उम्मत को जो दुआएं बतलायी हैं उनकों खूब पढ़ें। सूरह फातिहा को सूरह ‘शिफा’ कहा गया है कि आध्यात्मिक और शारीरिक दोनों के लिए ‘शिफा’ है। आयतल कुर्सी, मुअव्विज़तैन, बिस्मिल्लाहिल्लज़ी ला यजूऱ़़…. के साथ आयाते शिफा को पढ़ें , साथ ही जब रोग महामारी का रूप ले ले तो सूरह तगाबुन पढ़कर दम करें, पानी में फूंक कर पूरे घर को पिलाएँ। मौलाना उसामा ने कहा कि इस्लाम धर्म दीन ए रहमत है। हज़रत मुहम्मद स.अ.व. ने उम्मत के बाहरी और भीतरी रोगों का इलाज बतलाया है। हमें इस पर भी पूरा ध्यान देने की जरूरत है। मौलाना ने मस्जिदों के इमामों से अपील की कि वे दुआ विशेषकर जुमा में मुसलमानों कों तौबा व इस्तेग़फार के साथ दुआओं को लगातार पढ़ने के लिए प्रेरित करें। इन्शा अल्लाह हमारा यह काम पूरी मानवता को मुसीबतों से निजात दिलाने का जरिया बनेगा। मौलाना ने जमीअत उलमा के जिम्मेदारों और सदस्यों से हर शहर और क्षेत्र में शांति की स्थापना और बीमारियों से बचाने के लिए दुआओं की कसरत करने की अपील की।