लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि भारतीय कला, संस्कृति, नृत्य, संगीत, महोत्सव एवं आयोजनों को फोटो के माध्यम से लोगों के सामने प्रदर्शित करना एक विशेष कला है। इसे कैमरे में कैद करना एवं लोगों के सामने प्रस्तुत करना एक अत्यन्त सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि चित्रों को देखकर दर्शक अपनी दुनिया को भूल जाता है, यहीं छायाकार की विशेषता होती है।

राज्यपाल आज ललित कला अकादमी, अलीगंज में छायाकार हेमन्त मिश्रा की फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के पश्चात् अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने महाराष्ट्र एवं राजस्थान में आयोजित किये जाने वाले महोत्सव एवं त्यौहारों को याद करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में बहुत पुराने समय से गणेशोत्सव का आयोजन किया जाता है परन्तु उसे आजादी के संघर्ष में सड़कों एवं सार्वजनिक स्थलों पर लाने का श्रेय लोकमान्य बालगंगाधर तिलक को जाता है। गणपति पूजा एवं छत्रपति शिवाजी की स्मृति में किये जाने वाले आयोजन आज पूरी दुनिया में जाने जाते हंै। इन्हें देखने के लिए पूरे विश्व के लोग आते हैं। यह हमारी जिन्दा परम्परा है।

राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान, महाराष्ट्र एवं अन्य स्थानों पर लिए गए फोटो जिस तरह से निकाले एवं पेश किये गये हैं उसमें इनकी उत्कृष्ट फोटोग्राफी कला का प्रदर्शन होता है। यह एक अद्भुत कार्य है। उन्होंने हेमन्त मिश्रा की प्रशंसा करते हुए कहा कि श्री मिश्रा अपनी इस कला से देश के साथ-साथ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाने में सफल होंगे।