लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि जिस प्रकार हिन्दुओं का धर्म हिन्दू, मुस्लिमों का धर्म इस्लाम, ईसाईयों का धर्म ईसाई तथा सिखों का धर्म सिख है, उसी प्रकार सभी छात्रों का एकमात्र धर्म छात्र धर्म है। छात्र धर्म का मतलब है कि सभी छात्र-छात्राएं अपने छात्र जीवन में अच्छी शिक्षा ग्रहण करें। अच्छी शिक्षा ग्रहण करके ही आप अपने देश को आगे ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा के साथ ही छात्र-छात्राओं को खेल-कूद एवं अन्य क्रिया कलापों पर भी ध्यान देना चाहिए।

राज्यपाल राम नाईक आज लोयोला इंटरनेशनल स्कूल, विज्ञान खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ के परिसर में गल्र्स हाॅस्टल का उद्घाटन करने के उपरान्त छात्र-छात्राओं, शिक्षकगण एवं अभिभावकों को सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ने एवं व्यक्तित्व विकास के लिए अपने जीवन के चार मंत्र भी बताये। उन्होंने कहा कि जीवन में हमेशा मुस्कुराते रहो। अच्छे काम की हमेशा प्रशंसा करो। किसी भी व्यक्ति की अवमानना अथवा अहंकार न करें, अहंकार हमेशा प्रगति में बाधक होता है। हमेशा अपने जीवन में और अधिक अच्छा करने का विचार अपने मन में लायें और किसी भी काम को और अधिक अच्छा करने का प्रयास करें, जिससे आपके जीवन में हमेशा प्रगति एवं विकास होता रहेगा।

राज्यपाल राम नाईक ने छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा जनतांत्रिक देश है तथा इसमें सबसे बड़ा उत्तर प्रदेश है। विद्यार्थी अच्छी शिक्षा ग्रहण करके ही अपने स्कूल, प्रदेश एवं देश का नाम रोशन कर सकते हैं। श्री नाईक ने कहा कि मुझे खुशी है कि सम्मानित होनेे वाले 28 विद्यार्थियों में से 22 छात्राएं हैं। छात्रों को इसे एक चैलेन्ज के रूप में लेकर अगले साल छात्राओं के बराबर आने को कहा। उन्होंने कहा कि जब आप लोगों में प्रतिस्पर्धा रहेगी तो निश्चित ही आगे बढंे़गे तथा प्रदेश एवं देश का विकास होगा।

राज्यपाल ने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित एवं गल्र्स हाॅस्टल का उद्घाटन करके किया। उन्होंने कालेज प्रबंधन को अच्छे वातावरण एवं शिक्षकों को अच्छी शिक्षा देने के लिए बधाई दी। श्री नाईक ने सभी छात्र-छात्राओं, प्रबंधक, प्रधानाचार्य एवं बड़ी संख्या में आये हुए अभिभावकों को दीपावली की हार्दिक बधाई भी दी। इस अवसर पर प्रबंधक एम0पी0 सिंह, प्रधानाचार्या श्रुति सिंह ने भी सम्बोधित किया।