कानपुर: समाजवादी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को पारिवारिक झगड़े में विवश और मजबूर बताते हुये भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को कहा कि पहले वह जनता के नेता थे और अब वह केवल एक परिवार के नेता भर रह गए हैं.

त्रिवेदी ने कहा कि मुलायम से उनका अपना परिवार संभल नही रहा तो उनकी पार्टी से उत्तर प्रदेश कैसे संभलेगा. उन्होंने कहा, ‘समाजवादी पार्टी से यूपी की कानून व्यवस्था तो संभल नही पा रही थी अब घर के अंदर की कानून व्यवस्था भी उनके हाथ से निकल गयी है.’भाजपा प्रवक्ता ने यहां पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुये कहा कि यूपी के विधानसभा चुनावों में सपा को परिवार बचाना है, जबकि कांग्रेस को अपनी जमानत बचानी है और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को अपनी जमीन बचानी है. इसलिये भाजपा का सभी दलों में खौफ है और सभी पार्टियों के नेता भाजपा में अपने आप आ रहे हैं.

उन्होंने इस बात का सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या सपा से निष्काषित नेता राम गोपाल यादव को भाजपा अपनी पार्टी में शामिल करेगी. उन्होंने कहा कि अरुणाचल से लेकर उत्तर प्रदेश तक दूसरी पार्टियों के नेता लगातार भाजपा में शामिल हो रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता त्रिवेदी ने कहा कि जब मुलायम ने यूपी की पहली बार सत्ता संभाली थी तो वह धरती पुत्र कहलाते थे और जनता के नेता थे लेकिन अब वह केवल अपने परिवार के नेता भर रह गये हैं. उनकी मजबूरी देखिये कि वह अपना परिवार नही संभाल पा रहे है तो वह प्रदेश क्या संभालेंगे.

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने यूपी के आगामी चुनाव में अपनी पराजय स्वीकार कर ली है और जब किसी पार्टी की सत्ता जाने लगती है तो पार्टी और परिवार में इस तरह की लड़ाई होती है. उन्होंने आरोप लगाया कि असल में यह लड़ाई भ्रष्टाचार में हुई कमाई को लेकर है.

त्रिवेदी ने कहा कि यूपी में समाजवादी परिवार में जो हो रहा है उससे राजनीति और रिश्तों की मर्यादा खत्म हो रही है. इस पारिवारिक ड्रामों पर उत्तर प्रदेश की जनता की बहुत गहरी नजर है और उसकी समझ में आ गया है कि सपा और बसपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और अगर यूपी में विकास कार्यों को बढ़ावा देना है तो वह केवल भाजपा की सरकार ही दे सकती है.