लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व केन्द्रीय रक्षा मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की उपस्थिति में जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र स्थित ‘समाजवाद का संग्रहालयः जय प्रकाश नारायण विवेचना केन्द्र’ का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयन्ती के अवसर पर आयोजित किया गया था। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने श्री यादव के साथ संग्रहालय का अवलोकन भी किया।

‘समाजवाद का संग्रहालय: जयप्रकाश नारायण विवेचना केन्द्र’, जयप्रकाश नारायण इण्टरनेशनल सेण्टर का एक हिस्सा है। इसका उद्देश्य जे0पी0 के जीवन और विचारधारा से आम आदमी को परिचित कराना तथा उन मुद्दों के प्रति लोगों को जागरूक और संवेदनशील बनाना है, जिनके लिए जय प्रकाश नारायण ने संघर्ष किया। जिससे आम जन अपने जीवन में और समाज में कुछ नया कर दिखाने के लिए प्रेरित हों।

‘समाजवाद का संग्रहालय: जयप्रकाश नारायण विवेचना केन्द्र’ को चार क्षेत्रों समावेशन, चिंतन, मंथन तथा संगठन में विभाजित करके बनाया गया है। केन्द्र में प्रवेश करते ही समावेशन क्षेत्र लोगों को जयप्रकाश नारायण और देश के लिए उनके योगदान से परिचित कराता है। समावेशन क्षेत्र में जे0पी0 से सम्बन्धित अधिकारिक जानकारी को इस तरह दर्शाया गया है कि लोगों के मन में उनके प्रेरक व्यक्तित्व को जानने की जिज्ञासा पैदा होती है। यहां विभिन्न माध्यमों का प्रयोग करके जानकारी दी जाएगी। रोचक और मनोरंजक ढंग से दी गयी जानकारी को लोगों द्वारा समझना आसान होगा।

चिंतन क्षेत्र में जे0पी0 के जीवन के सबसे रोचक पहलुओं खासकर उन प्रसंगों के विषय में जानकारी दी गयी है, जिनके घटने के बाद ही आपातकाल की घोषणा की गयी। इस दौरान समाजवाद के सिद्धांतों की रक्षा करने हेतु जे0पी0 ने असीम साहस और आत्मबल का प्रदर्शन कर भारतवासियों को यह प्रेरणा दी कि यदि कोई आम इंसान ठान ले तो वह समाज के हित के लिए अकेला ही काफी है। इस प्रदर्शनी में प्रयोग की गयी फोटो यह सुनिश्चित करती है कि उनके जीवन के इस समय की स्मृति लोगों के मन में घर कर जाए।

मंथन क्षेत्र जे0पी0 के जीवन की उन घटनाओं पर केन्द्रित है, जो कि 1975 के उस दुर्भाग्यपूर्ण वर्ष के दौरान और उसके बाद घटी थीं। इसका उद्देश्य है लोगों को जानकारी पर आधारित संवादात्मक अनुभव देना। यह दर्शकों को एहसास दिलाएगा कि जीवन में लक्ष्य के साथ-साथ उसे पाने के उचित मार्ग का चयन करना भी आवश्यक है। सीढ़ी के घूमने की गति आपातकाल की घटनाओं की गति और अकस्मात स्वरूप से मेल खाती है। आपातकाल के दौरान जेल में, जे0पी0 ने अपने स्वास्थ्य और देश की हालत को खराब होते देखा। जे0पी0 द्वारा जेल में किए गए चिंतन से उनकी निराशा और दुःख का ज्ञान होता है। परन्तु जे0पी0 हार मानने वालों में से न थे। उन्होंने बिखरे टुकड़ों को समेट कर नई ऊर्जा और लक्ष्य से अपने जीवन का पुनर्निर्माण किया।

संगठन क्षेत्र संग्रहालय के अनुभव का अंतिम भाग है। विहंगम दृश्यों से भरी इसकी सीढ़ियां व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से विचारों और अनुभवों के समावेश के लक्ष्य से संकल्पित की गयी हंै। विचारों और अवधारणों को संक्षिप्त में बताने और आत्मसात करने के उद्देश्य से इसे बनाया गया है। खुली जगह में स्थापित यह क्षेत्र विचारों के विस्तार के लिए अनुकूल है। संग्रहालय के गहन अनुभव को अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा देने हेतु इसको बनाया गया है।

इसके अलावा, ‘समाजवाद का संग्रहालय: जयप्रकाश नारायण विवेचना केन्द्र’ में रीडिंग एरिया, लाइब्रेरी, म्यूजियम लाॅबी, प्रर्दशनी क्षेत्र तथा ओपेन एयर थियेटर का निर्माण किया गया है। साथ ही, 2 हजार लोगों की क्षमता का कन्वेंशन सेण्टर, 1 हजार लोगांें की क्षमता का काॅन्फ्रेंस हाॅल, 200 व्यक्ति क्षमता के 02 सेमिनार हाॅल, डाॅरमेट्री, हेल्थ सेण्टर एवं जिम्नेजियम, ओलम्पिक साइज का स्वीमिंग पूल, डायविंग पूल, किड्स पूल, लाॅन टेनिस कोर्ट तथा मल्टीपरपज कोर्ट का निर्माण कार्य अन्तिम चरण में है। यहां आने वाले लोगों की सुविधा के लिए मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण भी कराया जा रहा है।

ज्ञातव्य है कि स्व0 जयप्रकाश नारायण एक महान समाजवादी नेता और विचारक थे। देश की आजादी के साथ-साथ लोकतंत्र और समाजवाद के लिए काफी संघर्ष किया। देश की आजादी के लिए वे कई बार जेल गए। उन्होंने आजाद भारत में आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया। अपने सम्पूर्ण क्रान्ति आन्दोलन के माध्यम से उन्होंने भ्रष्टाचार व अलोकतांत्रिक सरकार के खिलाफ संघर्ष किया, जिससे लोकतंत्र की बहाली हुई। उन्होंने राजनीति में नौजवानों को प्रभावित कर एक नई दिशा दी। उनके प्रयासों की बदौलत भारतीय राजनीति की दशा और दिशा में बड़ा बदलाव आया था।

लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के प्रेरक व्यक्तित्व व कृतित्व तथा इतिहास में उनके योगदान के मद्देनजर समाजवादी सरकार द्वारा यहां गोमती नगर के विपिनखण्ड में लगभग 19 एकड़ क्षेत्र में ‘जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र’ की स्थापना करायी जा रही है। लगभग 844 करोड़ रुपए लागत की यह परियोजना जल्द ही पूरी होने जा रही है। इसके तहत म्यूजियम ब्लाॅक, गेस्ट हाउस ब्लाॅक, कन्वेंशन एवं स्पोट्र्स ब्लाॅक तथा मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण अन्तिम चरण में है। म्यूजियम ब्लाॅक ‘समाजवाद का संग्रहालय’ का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसका आज उद्घाटन किया गया है।