डाक्टर पवन गोयनका, कार्यकारी निदेशक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और चेयरमैन आफ द बोर्ड. एस सैंगयोंग मोटर्स, को प्रतिष्ठित 2016 फिसिटा मेडल आफ आनर से सम्मानित किया गया. दक्षिण कोरिया के बुसा में आयोजित 36वें फिसिटा वर्ल्ड आटोमोटिव कांग्रेस में उन्हें यह पुरस्कार कल दिया गया. यह पुरस्कार उन्हें वैश्विक आटोमोटिव उद्योग में उनकी उपलब्धि और नेतृत्व के लिए प्रदान किया गया.

डॉ पव गोयनका यह प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाले पहले भारतीय है.
डॉ गोयनका, जिन्हें महिंद्रा स्कॉर्पियो का जनक माना जाता है, ने सफलतापूर्वक कार्यकारी निदेशक के रूप में कंपनी को नेतृत्व दिया है और अपनी भूमिका से महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटोमोटिव और कृषि उपकरण कारोबार को आगे बढाने के लिए प्रेरित किया है. उन्हें भारत में ऑटोमोटिव इंजीनियर्स के नेशनल बाडी- एसएई इंडिया का प्रमुख वास्तुकार भी माना जाता है.
सम्मान के बारे में बोलते हुए डॉ पवन गोयनका ने कहा कि फिसिटा द्वारा इस सम्मान के लिए चुना जाना प्रतिष्ठा की बात है, जिसे मैं भारत के मोटर वाहन बिरादरी को विनम्रतापूर्वक समर्पित करता हूँ. मेरे सपनों को साकार करने में मदद करने के लिए में विशेष रूप से महिंद्रा का आभारी हूं. यह पुरस्कार राइज स्प्रीट (भावना) को दिखाता है जो महिन्द्रा के अपने अनुसंधान एवं विकास, उत्पादों और सेवाओं का प्रतिनिधित्व करता है.

फिसिटा दुनिया भर में राष्ट्रीय ऑटोमोटिव समाज के लिए अंब्रेला संगठन है. फिसिटा मेडल ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में प्रतिष्ठित उपलब्धियों के लिए किसी व्यक्ति को दिया जाता है. 1970 में स्थापित यह मेडल ऐसे व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होँने इस उद्योग के लिए एक सकारात्मक और महत्वपूर्ण योगदान दिया है. पिछला फिसिटा मेडल गियोवन्नी एग्नेली, कार्लोस घोसन, हैंस लिस्ट, फ्रेंकोइस मिशेलिन और शोयचिरो टोयोडा को दिया गया था.

फिसिटा नामिनेशन कमेटी के मुताबिक, गोयनका को यह सम्मान उनके द्वारा महिंद्रा एंड महिंद्रा के इंजीनियरिंग और अनुसंधान एवं विकास क्षमता को बदलने, उनके नेतृत्व और कैरियर के दौरान उद्योग को दी गई सेवा के लिए मिला है. कमेटी ने यह भी कहा कि युवाओँ को दिए गए समर्थन और रोजगार के लिए उनके योगदान को भी मान्यता दी गई है.