भारत में पहला ईटीएफ दिसंबर 2001 में प्रारंभ किया गया था। जो कि निफ्टी 50 पर आधारित था। वर्तमान में निफ्टी 50 सूचकांक पर आधारित 13 ईटीएफ हैं। मिस चित्रा रामकृष्ण, एमडी एंड सीईओ, एनएसई ने कहा “ईटीएफ सेगमेंट में वैश्विक रूझान के साथ भारत आगे बढ़ रहा है।
ईटीएफ उद्योग 30 जून 2016 को करीब 217 लाख करोड़ तक पहुँच चुका है। एनएसई एक दशक से अधिक से देश में चहुँओर सैकड़ों सफल रोडशो करने के साथ ईटीएफ के विषय में चर्चा कर रहा है। ईटीएफ उत्पादों में निवेशकों की रुचि बढ़ने से हमें प्रसन्नता हो रही है।” भारत में कारोबार कर रहे 45 इक्विटी ईटीएफ में से कुल 35 का आधार निफ्टी सूचकांकों का समूह है जो कि निफ्टी सूचकांकों की विस्तृत स्वीकार्यता प्रदर्शित करता है।

ईटीएफ उत्पादों में रीटेल सेगमेंट की विशाल संख्या में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए निवेशकों के साथ एनएसई निरंतर संबद्ध है। एक्सचेंज ने रीटेल निवेशकों के लिए वर्तमान कैलेंडर वर्ष में अनुमानत: 950 जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए।
घरेलू बाजार के साथ ही निफ्टी सूचकांक समूह पर आधारित ईटीएफ 16 देशों के 19 एक्सचेंजों पर कारोबार कर रहे हैं। ताईवान स्टॉक एक्सचेंज और हांग कांग स्टॉक एक्सचेंज ने हाल ही में निफ्टी 50 आधारित ईटीएफ प्रस्तावित किए हैं। एनएसई की सब्सिडीयरी, आईआईएसएल इन सूचकांकों का निर्माण और रखरखाव करती है।आईआईएसएल वर्तमान में कई अन्य सूचकांकों पर कार्य कर रही है जिनका उपयोग ईटीएफ जैसे थर्ड पार्टी उत्पादों के तौर पर किया जा सकेगा।
प्रतिभूतियों (सिक्युरिटीज़) के समूह को ईटीएफ कहते हैं, जिनका कारोबार शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज पर होता है। इक्विटी सूचकांकों, बॉंड्स, कमोडिटी आदि को ईटीएफ ट्रैक कर सकते हैं।
एक छोटा निवेशक ईटीएफ को खरीदने के लिए 100 रुपये जैसी छोटी राशि भी निवेश कर सकता है। ईटीएफ के केवल एक यूनिट के ट्रेडिंग लॉट की खरीदी-बिक्री भी एक्सचेंज पर की जा सकती है। म्युचुअल फंड की तुलना में इनकी प्रबंधन लागत भी कम होती है।