लखनऊ में सड़कों पर उतरे बसपा कार्यकर्त्ता

नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज अभद्र टिप्पणी मामले में कहा कि अगर बीजेपी इस संबंध में दयाशंकर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराती तो अच्छा होता। दरअसल, दयाशंकर की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हजारों बीएसपी कार्यकर्ता लखनऊ में सड़कों पर उतरे थे। हालांकि प्रशासन के आश्वासन के बाद बीएसपी ने धरना 36 घंटे के लिए टाल दिया है।

मायावती ने कहा, दयाशंकर के बयान से दलित बीजेपी से नाराज हो गए हैं। मैं पिछड़ों के लिए 'देवी' के समान हूं। अगर भाजपा खुद इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाती तो मेरा दिल जीत लिया होता। लेकिन बीजेपी ने औपचारिकता भर निभाने के लिए दयाशंकर को पार्टी से बाहर कर दिया। बुधवार को भी मायावती ने कहा था कि देश भाजपा को कभी माफ नहीं करेगा।

वहीं दयाशंकर सिंह को गिरफ्तार करने के लिए यूपी पुलिस बलिया पहुंची, लेकिन वह वहां नहीं मिले। दयाशंकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने उन्हें बलिया, आजमगढ़ और लखनऊ की कम से कम छह जगहों पर ढूंढा लेकिन वह नहीं मिले। समाजवादी पार्टी के नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि पुलिस दयाशंकर सिंह को ढूंढ रही है ताकि उन पर कानूनी कार्रवाई की जा सके।

आज ही राज्यसभा में मायावती ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पहले गोहत्या के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा था अब दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने सभी दलों से साथ आकर ऐसी चुनौतियों का सामना करने की अपील की। मायावती ने कहा कि बीजेपी को खुद इस मामले का संज्ञान लेकर केस दर्ज करवाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

मायावती ने कहा कि इस प्रकार के हमलों से दलितों के लिए लड़ाई लड़ने की मेरी इच्छा और पक्की हो जाती है। दयाशंकर के बयान से पूरे देश का दलित समाज दुखी है। मायावती ने सदन में आरोप लगाया कि सभी लोगों ने दलितों की बात तो की लेकिन वास्तविक्ता में ज्यादा कुछ नहीं होता है।

मायावती ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान बनाए जाने के बावजूद इस देश में दलितों को सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता है। कांग्रेस और बीजेपी के लंबे शासन के बाद भी देश में दलितों की स्थिति ठीक नहीं है। आजादी के इतने सालों बाद भी दलितों के साथ दुर्व्यवहार और उनपर अत्याचार खत्म नहीं हुआ है।

मायावती ने आरोप लगाया कि दलितों पर लगातार अत्याचार हो रहा है लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है, इससे वे काफी निराश हैं। नेताओं और अधिकारियों के निलंबन से काम नहीं चलेगा, उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। मायावती ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में होती है तब बीजेपी दलितों पर अत्याचार पर राजनीति करती है और जब बीजेपी सत्ता में होती है तब कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति करती है।
गौरतलब है कि बीएसपी में कथित तौर पर मोटी रकम लेकर टिकट बेचे जाने को लेकर दयाशंकर ने मायावती पर ऐसी टिप्पणी कर दी थी जिसने सियासी बवाल को जन्म दे दिया है।