नई दिल्ली: यूपी के कैराना बीजेपी जांच दल की रिपोर्ट के बाद पार्टी नेताओं के एक दल ने राज्यपाल राम नाइक से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा है। नेताओं ने अपने ज्ञापन में कहा है कि कैराना कस्बा जनपद शामली से बड़े पैमाने पर एक वर्ग विशेष के लोगों का पिछले कई वर्षों से पलायन हो रहा है। इस पलायन का कारण कैराना के लोगों में भय और आतंक का वातावरण है।
ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले कई वर्षों से कैराना कस्बे में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत दयनीय है, खुलेआम प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे लोगों से रंगदारी वसूली जाती है। शिकायत के बावजूद पुलिस प्रशासन पीड़ितों को न्याय दिलाने में नाकाम रहा है क्योंकि सरकार भी पीड़ित पक्ष को उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ जोड़कर देखती है।
इस दल ने सरकार से कई मांग की है कि पलायन करके बाहर गए लोगों को पूरी सुरक्षा के साथ वापस उनके घरों में बसाया जाए। पलायन के लिए जिम्मेदार लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। इसके लिए जिम्मेदार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। कैराना के अलावा प्रदेश के अन्य इलाकों से भी पलायन की जांच की जाए। पलायन के कारण आर्थिक रूप से प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाए। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए निर्देश जारी किए जाएं।
उल्लेखनीय है कि कैराना में जांच के लिए बीजेपी की 8 सदस्यीय टीम ने दौरा किया था। बीजेपी की इस टीम में राज्य के तीन सासंद राघव लखन पाल, सुरेश खन्ना और सत्यपाल सिंह के अलावा यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल भी शामिल थे। बीजेपी जांच दल ने कैराना में दो परिवारों से भी मुलाकात की, जिनके सदस्यों की साल 2014 में स्थानीय गुडों ने हत्या कर दी थी। इस टीम का नेतृत्व सुरेश खन्ना ने किया था।