नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2016 की चौथी तिमाही में पीएनबी को 5367 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। भारतीय बैंकों में पीएनबी ने अब तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा दर्ज किया है। वित्त वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में पीएनबी को 307 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।
वित्त वर्ष 2016 की चौथी तिमाही में पीएनबी की ब्याज आय 27 फीसदी घटकर 2768 करोड़ रुपए रही है। वित्त वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में पीएनबी की ब्याज आय 3792 करोड़ रुपये रही थी।
तिमाही दर तिमाही आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में पीएनबी का ग्रॉस एनपीए 8.47 फीसदी से बढ़कर 12.9 फीसदी रहा है। तिमाही आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में पीएनबी का नेट एनपीए 5.86 फीसदी से बढ़कर 8.61 फीसदी रहा है।
रुपए में एनपीए पर नजर डालें तो तिमाही आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में पीएनबी का ग्रॉस एनपीए 34338 करोड़ रुपए से बढ़कर 55818 करोड़ रुपए रहा है। तिमाही आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में रुपए में पीएनबी का नेट एनपीए 22983 करोड़ रुपए से बढ़कर 35423 करोड़ रुपए रहा है।
तिमाही आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में पीएनबी की प्रोविजनिंग 3775 करोड़ रुपए से बढ़कर 10485 करोड़ रुपए रही है। साल दर साल आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में पीएनबी का टैक्स राइट-बैक 938 करोड़ रुपए से बढ़कर 1890 करोड़ रुपए रहा है।
सालाना आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में पीएनबी के डिपॉजिट 10.3 फीसदी बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपए रहे हैं। सालाना आधार पर चौथी तिमाही में पीएनबी के एडवांसेज 8.3 फीसदी बढ़कर 4.1 लाख करोड़ रुपए रहे हैं।
पीएनबी के एक्जिक्युटिव डायरेक्टर, राम एस संगापुरा का कहना है कि एनपीए अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुए हैं और बैलेंसशीट का क्लीनअप अभी पूरा नहीं हुआ है। 6 महीने में एआरसी को 1832 करोड़ रुपए के एनपीए बेचे हैं। अगली तिमाही में बिलकुल एनपीए नहीं होंगे अभी कहना गलत होगा, लेकिन अगली तिमाही में एनपीए इस बार से कम होंगे।
राम एस संगापुरा के मुताबिक प्रोविजनिंग के कारण मुनाफा घटा है, लेकिन अगली 2-3 तिमाही में मुनाफा होने की उम्मीद है। अगले 6 महीने में रिकवरी अच्छी होने की उम्मीद है। रीस्ट्रक्चर्ड पोर्टफोलियो 31000 करोड़ रुपये के आसपास है और कुछ खातों को एआरसी को बेचने की कोशिश कर रहे हैं।