नई दिल्ली: बैंकों के हजारों करोड़ का लोन नहीं चुकाने के मामले में डिफॉल्टर घोषित हुो चुके माल्या ने कहा है कि वह भारत आना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने अपनी शर्तें रख दी हैं। मीडिया रिपोर्टों के हवाले से आ रही खबरों के मुताबिक विजय माल्या का कहना है कि उनकी सुरक्षा और आजादी का सरकार को पूरा भरोसा देना होगा।
शनिवार को यूबीएल की बोर्ड मीटिंग हुई थी जिसकी अध्यक्षता वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए खुद विजय माल्या ने की।इस बैठक में शामिल हुए निदेशकों के अनुसार माल्या पर बकाया ऋण चुकाने के लिए बैंकों का दवाब लगातार बढ़ता जा रहे हैं और ऐसे में माल्या ने कहा है कि उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक को समझौते का नया ऑफर दिया।
जिस पर उन्होंने ये उम्मीद जताई है कि ये मामला तेजी से आगे बढ़ेगा।उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय माल्या को लंदन से वापस लाना चाहता है। माल्या दो महीने से ब्रिटेन में ही हैं। विजय माल्या ने भरोसा दिलाया कि वह बैंकों के साथ गंभीरता से बातचीत कर रहे हैं और जितनी जल्दी हो सके वह लोन चुकता कर देंगे। उन्होंने कहा कि वह सभी सवालों का जवाब देने के लिए भारत लौटना चाहते हैं, लेकिन अपनी सुरक्षा और आजादी का भरोसा चाहते हैं।
इंडिपेंडेंट बोर्ड मेंबर किरण मजूमदार शॉ ने कहा, ‘हमने कई मुद्दों पर चिंता जताई और माल्या ने भरोसा दिलाया कि वह बैंकों के साथ गंभीरता से बातचीत कर रहे हैं और जितनी जल्दी हो सके वह लोन चुका देंगे। उन्होंने कहा कि वह सभी सवालों का जवाब देने के लिए इंडिया लौटना चाहते हैं, लेकिन अपनी सुरक्षा और आजादी का भरोसा चाहते हैं।’
माल्या ने कहा है कि वह लगातार कोशिश कर रहे हैं कि लोन का भुगतान जल्दी हो जाए और उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।बैंकों ने माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को लोन दिया था और अब वे 9,000 करोड़ रुपये के बकाये को वसूलने में लगे हैं। किंगफिशर एयरलाइंस का कामकाज 2012 में बंद हो गया था।ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में माल्या से पूछताछ करना चाहता है।