नई दिल्ली। पश्चिन बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय को संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। शारदा चिटफंड घोटाले में रॉय का नाम आने और सीबीआई पूछताछ के बाद ममता-मुकुल के बीच लगातार दूरियां बढ रही थीं। ममता और उनके बीच चल रही अनबन के कारण ही कुछ समय पहले ममता ने संसदीय बोर्ड में अतिरिक्त महासचिव भी नियुक्त कर दिया था। पद से हटाए जाने की वजह मुकुल की जेटली से मुलाकात बताई जा रही है।

मुकुल रॉय ने बृहस्पतिवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात की थी। रॉय राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद बहस के दौरान जेटली के बयान से प्रभावित होकर उन्हें बधाई देने गए थे। ममता बनर्जी के जरिए रेल बजट की आलोचना के बाद जिस तरह मुकुल ने पार्टी से अलग होकर रेल बजट को सराहा था उसके बाद से टीएमसी काफी नाराज हो गई थी।

मुकुल ने जेटली से मुलाकात करने के मामले में सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हां, मैंने जेटली से मुलाकात की थी। यह दो मिनट के लिए एक औपचारिक मुलाकात थी। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद बहस के दौरान जेटली के बयान से मैं प्रभावित था इसलिए मैं उन्हें बधाई देने गया था। मैंने इसी तरह कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद को भी उनके भाषण के बाद धन्यवाद दिया था। मुकुल रॉय को हटाए जाए जाने के बाद उनके खेमे के नेताओं पर भी अब खतरा मंडराने लगा है और इसकी शुरूआत रॉय के करीबी माने जाने वाले शिलाभद्र दत्त को पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी पद से हटाने की खबर के साथ ही हो गई है।