गोवा : हिटलर का उदाहरण देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आगाह किया कि जरूरी नहीं है कि कोई मजबूत सरकार हमेशा सही दिशा में ही चले। इसके साथ ही उन्होंने अनियंत्रित अधिकारों वाले या फिर ‘पूरी तरह शिथिल’ प्रशासन के बजाय बीच का रास्ता अपनाने का सुझाव दिया।

राजन यहां ‘लोकतंत्र, समावेश व संपन्नता’ पर एक व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में न्यायपालिका, विपक्ष, मीडिया व गैर सरकारी संगठन जैसे मजबूत संस्थान हैं, फिर भी सरकार व नियामकीय क्षमताओं को मजबूत किए जाने की जरूरत है। राजन ने कहा, ‘हमें अनियंत्रित प्रशासनिक अधिकार देने अथवा पूरी तरह शिथिल प्रशासन की स्थिति के बीच का एक बेहतर मध्य मार्ग चुनना होगा। हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि हमारी स्थिति, विकसित पश्चिमी देशों अथवा अन्य एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष आने वाली चुनौतियों से अलग है।’

उन्होंने कहा कि मजबूत सरकार का नेतृत्व उन लोगों के पास होना चाहिए जिनके पास विशेषज्ञता, प्रेरणा व ईमानदारी हो और जनता की जरूरतों को पूरा कर सकें। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि, जरूरी नहीं कि मजबूत सरकारें, सही दिशा में जाएं।

उन्होंने कहा, ‘हिटलर ने जर्मनी को बहुत प्रभावी शासन दिया था। रेलगाड़ियां समय पर चलती थीं जैसा कि हमारे यहां आपातकाल 1975-77 के दौरान रेलगाड़ियां समय पर चलती थीं।’ राजन ने कहा, ‘उनकी मजबूत सरकार थी लेकिन हिटलर कानून के शासन की अनदेखी करते हुए जर्मनी को विनाश के पथ पर ले गए।’

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा,‘ रेलगाड़ियों का समय पर चलना ही पर्याप्त नहीं है, उन्हें वांछित समय पर सही दिशा में भी जाना चाहिए।’ राजन ने कहा कि आर्थिक समावेश से तात्पर्य सतत आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करने के वास्ते सभी को अच्छी शिक्षा, पोषक आहार, स्वास्थ्य देखभाल, वित्त और बाजार उपलब्ध हो।