नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि आम आदमी पार्टी द्वारा विदेशों से जुटाए गए चंदे की समुचित तरीके से जांच पड़ताल की गई है और उसमे कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। मुख्य न्यायाधीश जी.रोहिणी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की एक खंडपीठ ने गृह मंत्रालय को इस संबंध में अपनी ताजा रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में सौंपने के लिए कहा है। खंडपीठ ने उच्चतम न्यायालय के एक वकील मनोहर लाल शर्मा की जनहित याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।

शर्मा ने याचिका दायर करके आम आदमी पार्टी के विदेशी फंड की केन्द्रीय जांच ब्यूरो द्वारा स्वतंत्र रूप से जांच कराने का आग्रह किया था। शर्मा ने आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था कि पार्टी ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम का उल्लंघन किया है। केन्द्र सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने दिल्ली उच्च न्यायालय में रिपोर्ट को सौंपते हुए कहा कि पूर्व की सरकार ने इस मामले की जांच कराई थी और एक स्थिति रिपोर्ट सौंपी थी और जिसमे आप के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं पाया गया। 

शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि आप ने विदेशी देशों से धनराशि नकदी में प्राप्त की और इसे फर्जी चैकों में बदल दिया गया। इसके साथ साथ दुबई और अन्य देशों से दिल्ली में फोन काल की गई है। अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। इस जनहित याचिका में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद के जरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, वकील शांति भूषण और प्रशांत भूषण के नाम है।