लखनऊ:केन्द्र की भाजपा सरकार की संवेदनहीनता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ‘स्वाइन फ्लू’ की बीमारी से एक ओर जहां अब तक लगभग 500 से अधिक असमय मृत्यु हो चुकी है और सैंकड़ों अस्पतालों में भर्ती हैं, वहीं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का यह बयान कि-जब गर्मी बढ़ेगी तो यह वायरस स्वतः मर जायेगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि केन्द्र सरकार को आम आदमी की जिन्दगी से कोई लेना-देना नहीं रह गया है।

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने आज जारी बयान में कहा कि मीडिया के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में मृतकों की संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में सैंकड़ों की संख्या में स्वाइन फ्लू के मरीज भर्ती हैं और जीवन-मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं। प्रदेश की राजधानी होने के नाते मीडिया के माध्यम से जो आंकड़े प्रकाशित हो रहे हैं वह अत्यंत भयावह है। यदि राजधानी में यह स्थिति है तो विभिन्न जनपदेां में क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। राज्य सरकार स्वाइन फ्लू से प्रभावित मरीजों एवं मृतकों की वास्तविक संख्या जारी करे ताकि आम जनमानस में इस बीमारी के प्रति फैल रहे भय को बढ़ावा न मिले। 

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि केन्द्र सरकार के ही नक्शेकदम पर चलते हुए एक ओर जहां प्रदेश सरकार भी स्वाइन फ्लू की बीमारी की रोकथाम और समुचित इलाज हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। वहीं केन्द्र सरकार ने स्वाइन फ्लू की रोकथाम और इलाज हेतु कोई कदम नहीं उठाया है। जिसके कारण आज स्वाइन फ्लू ने महामारी का रूप धारण कर लिया है। आम जनता में इस बीमारी के प्रति पूरी तरह भय व्याप्त हो गया है। केन्द्र और प्रदेश की सरकारें अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में पूरी तरह अक्षम साबित हो रही हैं। 

प्रवक्ता ने मांग की है कि राज्य सरकार अविलम्ब स्वाइन फ्लू की रोकथाम एवं पीडि़त मरीजों के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु युद्ध स्तर पर प्रभावी कार्यवाही करे तथा सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों को यह निर्देशित करे कि वह स्वाइन फ्लू के मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करायें।