एडिलेड। ‘क्रिकेट का महाकुंभ’ कहे जाने वाले वर्ल्ड कप में आज पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपनी हार का सिलसिला फिर नहीं तोड़ पाया। भारत यह मैच 76 रन से जीत गया। पाकिस्तान का आखिरी विकेट सोहिल खान के रूप में गिरा।

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने निर्धारित 50 ओवर में 300 रन बनाए। पाकिस्तान की शुरुआत खराब रही। मिस्बाह को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज अर्द्धशतक नहीं लगा पाया। पाकिस्तान की ओर से अहमद शहजाद 47 रन, हैरिस सोहिल 36 रन, मिस्बाह 76 रन और यासिर शाह की दहाई के आंकड़े को छूने में सफल रहे। पाक के 6 बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए।

भारत की ओर से मोहम्मद शमी ने चार, उमेश यादव, मोहित शर्मा ने दो- दो और अश्विन- जडेजा ने एक-एक विकेट हासिल किया है। विराट कोहली को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।

इससे पहले, खराब दौर से उबरने के बाद विश्व कप में अपना पहला शतक लगाने वाले विराट कोहली (107) और शिखर धवन (73) तथा सुरेश रैना (74) की उम्दा अर्धशतकीय पारियों की मदद से भारत ने निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट पर 300 रन बनाए।

भारत और भी अच्छा स्कोर खड़ा कर सकता था लेकिन कोहली के आउट होने के बाद बल्लेबाज उस समझदारी का परिचय नहीं दे सके, जिसके जरिए वे तेजी से रन बटोर सकते थे। कोहली का विकेट 273 रन पर गिरा था और उसके बाद से भारत ने पांच ओवरों में माज्ञ 27 रन जोड़े और पांच अहम विकेट गंवा दिए।

विकेट हाथ में होना भारत के लिए अच्छा संकेत था क्योंकि ऐसी स्थिति में बल्लेबाज खुलकर रन बटोर सकते थे लेकिन भारत के लिए ऐसा नहीं हो सका। पाकिस्तान ने पारी के मध्य में जो कुछ खोया था, उसे उसने अंतिम पहर में हासिल कर लिया और भारत को 300 रनों पर सीमित कर दिया, जबकि भारत कम से कम 325 का योग हासिल कर सकता था।

भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। उसका यह फैसला सही साबित होता दिखा क्योंकि रोहित शर्मा (15) और धवन अच्छी लय में नजर आ रहे थे। खासतौर पर रोहित ज्यादा अच्छी लय में थे क्योंकि धवन पर अच्छी पारी खेलने का दवाब था।

धवन उस दबाव में दिख रहे थे लेकिन रोहित पर किसी प्रकार का दबाव नहीं था। इसके बावजूद रोहित ने 34 के कुल योग पर वह गलती की, जिसकी उनसे उम्मीद नहीं थी। सोहेल खान की एक गेंद को पुल करने प्रयास में मिस्बाह को एक आसान कैच दे बैठे। रोहित ने 20 गेंदों पर दो चौके लगाए।

इसके बाद हालांकि धवन और कोहली ने भारत को मैच में वापसी कराने का काम किया। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 129 रनों की साझेदारी की। 163 के कुल योग पर धवन एक रन चुराने के प्रयास में आपसी गलतफहमी का शिकार हुए और रन आउट हो गए। इस तरह उनकी 76 गेंदों की उम्दा पारी का दुखद: अंत हुआ। धवन ने धवन ने 76 गेंदों का सामना कर सात चौके और एक छक्का लगाया।

धवन के आउट होने के बाद कोहली का साथ देने रैना आए। रैना को इसलिए भेजा गया क्योंकि वह रन गति में तेजी ला सकें। रैना ने यह काम बखूबी किया और कोहली के साथ 15.3 ओवरों में 7.09 के औसत से तीसरे विकेट के लिए 110 रन जोड़े।

कोहली का विकेट 273 के कुल योग पर गिरा। विश्व कप में अपना पहला तथा भारत के लिए 22वां शतक लगाने वाले कोहली ने 126 गेंदों का सामना कर आठ चौके लगाए।

कोहली का स्थान लेने आए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (18) खुलकर हाथ नहीं दिखा पा रहे थे, लिहाजा यह जिम्मेदारी रैना को लेनी थी। रैना इसी प्रयास में 284 के कुल योग पर कैच आउट हो गए। रैना ने 56 गेंदों का सामना कर पांच चौके और तीन छक्के लगाए।

इसके बाद भारत ने 296 के कुल योग पर रवींद्र जडेजा (3), धोनी और अजिंक्य रहाणे (0) के विकेट गंवाए। जडेजा को वहाब रियाज ने बोल्ड किया जबकि धोनी और रहाणे को सोहेल खान ने आउट किया। इस तरह खान ने अपनी टीम की हैट्रिक पूरी की। खान ने इस मैच में कुल पांच विकेट लिए जबकि रियाज ने एक सफलता हासिल की।

भारत और पाकिस्तान के बीच आ तक विश्व कप में पांच मुकाबले हुए हैं और पांचों ही मौकों पर भारत विजयी रहा है। यह पहला मौका होगा, जा भारत विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ सचिन तेंदुलकर के बगैर खेल रही है।

इस मैच को दर्शक संख्या के लिहाज से विश्व क्रिकेट का आ तक का सबसे बड़ा मैच कहा जा रहा है। इसे संचार के विभिन्न माध्यमों के जरिए एक अरब लोग देखेंगे। इससे पहले 2011 में मोहाली में हुए भारत-पाक मुकाबले को 98 करोड़ लोगों ने देखा था।