मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश, शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने स्वाइन फ्लू से ग्रसित सभी मरीजों को निःशुल्क उपचार की तत्काल व्यवस्था करने के लिए अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के कड़े निर्देश देते हुए कहा कि लोगों को इस रोग के सम्बन्ध में जागरूक करने के साथ ही इसके रोक-थाम हेतु सरकार द्वारा उठाए गये कदम की जानकारी उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में स्थापित 24ग्7 टोल फ्री दूरभाष नम्बर 18001805145 तथा जनपद स्तर पर स्थापित कन्ट्रोल रूम की जानकारी जन सामान्य को उपलब्ध कराते हुए इनकी क्रियाशीलता सुनिश्चित किये जाने के भी निर्देश दिये। उन्हांेने कहा कि  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट नचीमंसजीण्नचण्दपबण्पद पर भी पूर्ण जानकारी प्रदान की जाए।

मुख्यमंत्री आज यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वाइन फ्लू के सम्बन्ध में की गयी तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्वाइन फ्लू से ग्रसित मरीजों को निःशुल्क इलाज की व्यवस्था प्रदेश के सभी चिकित्सालयों, के0जी0एम0यू0, पी0जी0आई0 तथा मेडिकल काॅलेजों में सुनिश्चित किया जाये। इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को स्थानीय स्तर पर इलाज मिल सके इसके लिए सभी शासकीय अस्पतालों में दवा की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता भी सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लैब टेस्ट की उपलब्धता लखनऊ स्थित पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0 लैब तथा दिल्ली स्थित एन0डी0सी0 लैब में है। प्रदेश के विस्तार को देखते हुए यह पर्याप्त नहींेे हैं। इसलिए ऐसे लैबों की संख्या में वृद्धि किया जाना लाजमी है, ताकि मरीजो को जानकारी तथा उनका उपचार समय से हो सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्वाइन फ्लू टेस्टिंग के लिए के0जी0एम0यू0 एवं पी0जी0आई0 लैब अवकाश के दिनों में खोली जाएं ताकि मरीजों का टेस्ट एवं रिर्पोट समय से प्राप्त हो सके।

मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि सभी राजकीय मेडिकल काॅलेज/संस्थान आगरा, मेरठ, झांसी, गोरखपुर, अम्बेडकर नगर तथा सैफई-इटावा में कार्य योजना बनाकर शीघ्र स्वाइन फ्लू टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। इस बीमारी के लक्षण, उससे बचाव एवं उपचार की जानकारी विशेष अभियान चलाकर आम जन मानस तक पहुंचायी जाये। जिन स्थानों/संस्थानों से स्वाइन फ्लू के मामले प्रकाश में आयें वहां पर विशेष तौर पर चिकित्सकों की टीम भेजी जाये, जो स्थल पर जाकर लोगों को आवश्यक जानकारी देते हुए उनको उचित परामर्श भी प्रदान करें। उन्होंने सभी शिक्षण संस्थानों में कैम्प लगाये जाने के भी निर्देश दिये। इस बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए सभी चिकित्सालयों में अलग से वार्ड की व्यवस्था की जाये तथा ऐसे मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाप को वीसंक्रमण से बचाने के लिए उन्हें पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क उपलब्ध करायी जायें साथ ही स्वाइन फ्लू से ग्रसित मरीजों के परिजनों/सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों को वीसंक्रमण से बचाने के लिए भी आवश्यक चिकित्सीय व्यवस्था सुनिश्चित की जाय तथा उनको काउन्सिलिंग/परामर्श प्रदान किया जाय। इस रोग के उपचार के लिए बजट उपलब्ध है। अतिरिक्त बजट की आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उसकी व्यवस्था की जाय। उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि स्वाइन फ्लू का इलाज समय से त्वरित निःशुल्क उपलब्ध करायी जाय। इसमें लापरवाही/ शिथिलता बरतने वाले चिकित्सकों एवं कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।