लखनऊ:  भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भ्रष्ट मंत्रियों को सरकार से बाहर निकालने के लिए डांट लगा रहे हैं तो दूसरी ओर श्री यादव इन्हीं दागी मंत्रियों के दम पर अपना विकास एजेंडा जारी कर रहे हैं। 

प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि भ्रष्ट मंत्रियों में ऐसा कौन का आकर्षण है कि मुख्यमंत्री अपने पिता के निर्देशों की ही अवहेलना कर रहे हैं। पिछले हफ्ते मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ जाने के दौरान जिस तरह मुख्यमंत्री लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से वापस लौट आए उससे साफ जाहिर होता है कि पिता और पुत्र के बीच दूरियां बढ़ रही हैं।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा सरकार बनने के बाद से प्रदेश की विकास दर लगातार घट रही है। राज्य नियोजन संस्थान के अर्थ एवं संख्या प्रभाग की ओर से जारी आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। वर्ष 2012 में जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सत्ता संभाली थी तब प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 5.8 फीसदी था जिसके लगातर घटकर 5 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि विकास एजेंडे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पारदर्शी शासन देने की बात भी कही है लेकिन वह यह तो बताएं कि आखिर क्या वजह है कि सूबे के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग में कोई भी प्रमुख सचिव टिक कर काम नहीं कर पा रहा है। पिछले तीन वर्षों में पांच बार इस विभाग के प्रमुख सचिव बदले गए हैं और अभी भी यह कुर्सी खाली पड़ी है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि यह सरकार की लचर कार्यप्रणाली का ही नतीजा है कि मुख्यमंत्री ने 28 फरवरी से आगरा में प्रस्तावित ‘एनआरआई’ समिट स्थगित कर दी है क्योंकि सपा सरकार के दावों पर भरोसा कर अप्रवासी भारतीय यूपी में निवेश करने आने को तैयार नहीं हैं।