नीति आयोग की पहली बैठक मोदी का सम्बोधन 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को राज्यों को आह्वान किया कि वे सभी मतभेदों को भुुला कर देश को प्रगति एवं समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर करने तथा गरीबी उन्मूलन के लिए “टीम इंडिया” के रूप में काम करें। मोदी ने प्रधानमंत्री आवास पर नीति आयोग की संचालन परिषद की पहली बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि समूचे देश की प्रगति के लिए यह जरू री है कि सभी राज्यों का एक समान विकास हो। 

उन्होंने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास” के मूलमंत्र पर आगे बढ़ते हुए ही यह हासिल किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, वह चाहते हैं कि राज्य नई योजनाओं के मामले में एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करें, लेकिन यह सहकारी प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना पर आधारित होनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चुनौती गरीबी को मिटाना है, लेकिन यह विकास के बिना संभव नहीं है और विकास के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने होंगे। तीव्र विकास दर हमारी सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। अनेक परियोजनायें इसी लिए ठप पड़ी रहती हैं कि समय पर निर्णय नहीं लिए जाते हैं। इससे परियोजना लागत बढ़ने के साथ ही लोगों की उससे होने वाले लाभ भी नहीं मिल पाते हैं। 

उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे परियोजना की धीमे होने के कारणों पर स्वयं ध्यान दे और सभी योजनाओं की सफलता के लिए निवेश विकास रोजगार सृजन और समृद्धि पर जोर दें। उन्होंने सुझाव दिया कि हर राज्य में इन परियोजनाओं से जुड़े लंबित पडे मुद्दों के समाधन के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए।

मोदी ने कहा कि केन्द्र राज्यों को वित्त प्रौद्योगिकी और ज्ञान के मामले में सशक्त करना चाहता है जिससे वे बेहतर योजनाएं बनाकर उनका अच्छे ढंग से क्रियान्वयन कर सकें। नीति आयोग में क्षेत्रीय परिषदों के गठन का प्रावधान है और उन्हें उम्मीद है कि इन परिष्ादों से समान समस्याओं का सामना कर रहे राज्यों की समस्याओं का समाधान होगा और परियोजनाओं में हो रही देरी को भी दूर किया जा सकेगा। ये परिषद सदस्य राज्यों के बीच यात्रा परिवहन और पर्यटन से जुड़ी संयुक्त परियोजनाओं में तेजी के उपाय सुझाएगी। 

उन्होंने आशा व्यक्त की नीति आयोग से सभी राज्यों के लिए एक तरह की योजना जैसी नीति से छुटकारा मिलेगा और हर राज्य की जरूरत के हिसाब से नीतियां बनाई जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद की भावना पर काम के लिए यह भी जरूरी है कि राज्य भी अपनी भूमिका का भलीभांति निर्वहन करें। इसके लिए राज्यों को राष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करनी होगी। 

मोदी ने कहा कि राज्य एक दूसरे से सीख कर और सहयोग लेकर केन्द्र के साथ काम कर सकते हैं। सबसे अच्छी योजनाओं का अनुसरण अन्य राज्य भी कर सकते हैं और उसके लिए एक पोर्टल भी बनाया जा सकता है। 

उन्होंने कहा कि पिछले ढाई दशको में भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपने आप को एक योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था से बाजार अर्थव्यवस्था में ढाला है। प्रधानमंत्री ने योजना प्रक्रियाओं के स्वरूपों को नया आकार देने के लिए सभी राज्यों से सुझाव मांगें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सुशासन समय की मांग है और हम जो भीकरे वे सोच विचार कर करे तथा उसे पूरी तरह अमल में लाए जिससे वांछित परिणाम हासिल किए जा सके। करीब 65 वर्ष पुराने योजना आयोग के स्थान पर नवगठित नीति आयोग की संचालन परिषद की यह पहली बैठक थी। 

प्रधानमंत्री परिषद और आयोग के अध्यक्ष हैं तथा सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल इसके सदस्य हैं। बैठक में जम्मू कश्मीर का प्रतिनिधित्व वहां के राज्यपाल  ने किया, जबकि दिल्ली और अंडमान निकोबार का प्रतिनिधित्व वहां के उप राज्यपालों ने किया। 

कुल मिलाकर इस बैठक में देश के 31 राज्यों के प्रतिनिधि मौजूद थे। पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त वित्त मंत्री अरूण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री सुरेश प्रभु, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और कृषि मंत्री राधामोहन सिंह तथा आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया भी मौजूद थे।