लखनऊ: लखनऊ के गौरी श्रीवास्तव हत्याकांड मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अभी इस मामले में पांच और लोगों को तलाश कर रही है जो फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस ने उस बाइक को भी बरामद कर लिया है जिससे शव को ठिकाने लगाया गया। सीसीटीवी फुटेज ने भी केस को खेलने में पुलिस की मदद की।

डीजीपी उत्तर प्रदेश एके जैन के साथ एसएसपी लखनऊ यशस्वी यादव ने आज एक प्रेस कांफ्रेस में बताया कि गौरी की हत्या उसके प्रेमी हिमांशु प्रजापति ने अपने मित्र अनुज गौतम के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने करीब एक हफ्ते के बाद हिमांशु को आज गिरफ्तार किया। इसके साथ ही हत्या के बाद शव को काटने में प्रयुक्त आरी, हिमांशु का जैकेट तथा बाइक पुलिस ने बरामद की। डीपीजी जैन ने बताया कि हिमांशु प्रजापति को गौरी से बहुत प्यार था। उसको पता चला कि गौरी अन्य दोस्तों के साथ भी चैटिंग करती है तो यह उसे बेहद नागवार लगा। हिमांशु प्रजापति पुत्र राम प्रसाद रेलवे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हंैं। हिमांशु जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी से पत्राचार के माध्यम से पढ़ाई कर रहा है। उसकी गौरी से करीब डेढ़ वर्ष से मित्रता है। हिमांशु 18 जनवरी से 4 फरवरी तक अपने घर में अकेला था। वह घर रमजाननगर, तेलीबाग में गौरी को लेकर आया था। इससे पहले वह गौरी को लेकर करीब दो घंटे तक टहलता रहा। रात में भोजन के बाद उसने अपने मित्र अनुज के साथ गौरी की गला दबाकर में हत्या कर दी थी। इसके बाद बीकाम कर चुका अनुज अपने घर चला गया जबकि हिमांशु ने अकेले ही गौरी के शव को आरी से काट डाला। इससे पहले उसने ही रोहित के नाम से गौरी के पिता तथा माता से भी बात की थी।

डीजीपी ने बताया कि हिमांशु को गौरी को बेहद प्यार था। रविवार को गौरी जब उसके घर आई तो उसने गौरी तथा अपने दोस्त अनुज गौतम के साथ भोजन किया। इसके बाद उसने गौरी का फोन मांगा, गौरी ने जब मना किया तो उसने फोन छीन लिया। फोन को गौरी से अनलॉक कराया। इसी बीच उसको मोबाइल पर गौरी के कुछ आपत्तिजनक फोटो दिखे जो गौरी से अन्य मित्रों को भेजे थे। इसके बाद हिमांशु ने आपा खो दिया। उसने गौरी का गला दबा दिया। इसके बाद अनुज के साथ घर से बाहर निकल गया। डीजीपी ने बताया कि गौरी के हिमांशु से शारीरिक संबंध भी थे। घर लौटने के बाद हिमांशु ने कोमा में चली गई गौरी के शव को आरी से टुकड़े-टुकड़े में काट डाला।

बाइक पर उसने बैग तथा कोट के कवर में शव के टुकड़ों को भरा और अलग-अलग जगहों पर फेंकने की योजना के अनुसार रात में ही शव के टुकड़ों को फेंक दिया।