लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने लखनऊ पुलिस द्वारा गौरी हत्याकाण्ड के खुलासे को गौरी की हत्या के बाद उसके चरित्र की हत्या बताया। पार्टी प्रवक्ता डाॅ0 मनोज मिश्र ने आरोप लगाया कि लखनऊ पुलिस ने गौरी की हत्या के बाद उसका अपमान जनक तरीके से चरित्र हनन किया। उन्होेंने सवाल खडा किया कि हत्या के बजाय गौरी के चरित्र को खराब बताना किस योजना का अंग है ? पुलिस को चरित्र हनन के बजाय हत्याओं को रोकने पर ध्यान देना चाहिए।

प्रवक्ता डाॅ0 मिश्र ने कहा कि प्रदेश की पुलिस द्वारा खुलासो को कानून व्यवस्था का मामला बताने के बजाय निजी और पारिवारिक कारण का मामला बताया जा रहा है। प्रदेश की पुलिस द्वारा हत्याओं को निजी रंजिश या आचरण को बताना,योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। पुलिस के खुलासों से ऐसा लगता हैं जैसे हत्याये कानून-व्यवस्था का मुद्दा न होकर निजी कारणों से हो रही है। सच बात यह है कि प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलन्द है और प्रदेश में रोज-2 हत्याये आम बात हो गई है। 

डाॅ0 मिश्र ने कहा कि प्रदेश पुलिस ने गौरी हत्याकाण्ड  में जो थ्योरी पेश की हैं उसमें हत्या के बिन्दु के जबाब में उसके चरित्र की ही हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि गौरी के परिवार को हत्या का सदमा सहने के साथ-साथ अपनी बेटी के चरित्र हत्या का सार्वजनिक सदमा भी सहना पड़ रहा है । पुलिस को बताना चाहिए कि अखिर गौरी के गायब होने के बाद अमीनाबाद कोतवाली, मार्डन कन्ट्रोल रूम, 100,1090, की कार्य प्रणाली फेल क्यों थी ? गौरी के गायब हो जाने का मामला जब पुलिस के संज्ञान में आ गया था फिर हत्यारे लाश के टुकडे करके कैसे राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में ले जाकर फेंकने में सफल रहे ? लापरवाह पुलिस कर्मियों पर क्या कार्यवाही हुई ? 

भारतीय सामाजिक-संास्कृतिक परम्परा में मौत के बाद चरित्र हनन जायज नहीं है। पुलिस ने अपनी थ्यौरी को सत्य सिद्ध करने के लिए मृतका का चरित्र हनन कर डाला।