लखनऊ:उत्तर प्रदेश में आये दिन लूट, हत्या, बलात्कार, डकैती, राहजनी, चोरी की घटनाएं दिन दूनी रात चैगुनी बढ़ती चली जा रही हैं। मेरठ, बदायूं, मुजफ्फरनगर, चित्रकूट, गोरखपुर, आगरा, बहराइच, गोण्डा, बाराबंकी, बलरामपुर सहित तमाम जनपदों में हुईं जघन्य घटनाओं ने पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ से गांव, कस्बा, शहर के साथ ही अब शिक्षण संस्थान यहां तक कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी सुरक्षित नहीं रह गयी हैं।

प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार अपने भ्रष्ट मंत्रियों को बचाने में लगी हुई है। जनता के प्रति जो जवाबदेही सरकार की होनी चाहिए वह दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है। यह सरकार सिर्फ चाहे सैफई महोत्सव हो अथवा सपा प्रमुख श्री मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन मनाने में मशगूल है। प्रदेश सरकार के मंत्री लूट खसोट, अवैध खनन में लिप्त हैं वहीं पर सपा प्रमुख प्रदेश की जनता की आंख में धूल झांेकने की नीयत से मंत्रियों के बारे में सीधे दोषारोपण कर सरकार को बचाने का प्रयास करते रहते हैं। यदि यह सरकार कानून व्यवस्था के बारे में जरा भी सजग होती तो सरकार की नाक के नीचे राजधानी लखनऊ में जघन्य घटना गौरी के रूप में न होती। प्रदेश की पुलिस बेलगाम हो चुकी है इन पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक भी अपने तीन माह के कार्यकाल को महज खानापूर्ति पुराने पुलिस अधिकारियों की तरह करके निर्वहन करना चाह रहे हैं। 

प्रवक्ता ने कहा कि आठ महीने से जब से लखनऊ के सांसद श्री राजनाथ सिंह जी भारत सरकार के गृह मंत्री बने हैं तबसे राजधानी में अपराधों में बाढ़ सी आ गयी है। लखनऊ से लोकसभा चुनाव को जीतने के बाद आम जनता से इनका कोई सरोकार नहीं रह गया है। यदि यह अपने दायित्वों का सही निर्वहन करते तो आज लखनऊ की जनता खुद को महफूज महसूस करती।