लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज की एक अहम बैठक सम्पन्न  में 2017 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के सम्बन्ध में समाज को जागरूक करने का निर्णय लिया गया। बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि  भूतत्व एवं खनिक्र मंत्री के खिलाफ चल रही लोकायुक्त की जांच फर्जी शिकायतकर्ताओं के कहने पर की जा रही है, जो लोकायुक्त जैसे संवैधानिक पद की गरिमा के विरूद्ध है। मामले में चौधरी यशवंत सिंह, अध्यक्ष, भारतीय जन जागरण न्याय मोर्चा, सोनभद्र द्वारा दायर किया गया है, जिसका संज्ञान लोकायुक्त द्वारा लिया गया है और समाचार पत्रों में खबर छपी, उसमें तत्कालीन खान अधिकारी सोनभद्र, ए0के0 सेन जो वर्तमान में मुख्यालय, लखनऊ में तैनात है, जिन्हें लोकायुक्त द्वारा तलब करने की बात कही है, जबकि आषीश कुमार सेन द्वारा 17/01/2009 को ही चौधरी यशवंत सिंह के विरूद्ध मु0अ0सं0-70/09, धारा 14 क 353/504 आई0पी0सी0 कोतवाली राबटर््सगंज में दर्ज कराया गया है, जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी पंधारी यादव के आदेश भी है और इसी व्यक्ति द्वारा आषीश कुमार सेन और  अन्य अधिकारियों के विरूद्धउच्च न्यायालय, इलाहाबाद खण्डपीठ में जनहित याचिका दायर की गयी है, जो अभी भी लम्बित है। क्या लोकायुक्त महोदय बतायेंगे कि एक ही मुकद्मा जो कि मा0 उच्च न्यायालय में विचाराधीन हो, की जाॅच किया जाना उचित है ?

बैठक को सम्बोधित करते हुये अनीस मंसूरी ने कहा कि गायत्री जी ने  नेता जी के आदेश पर लगभग 64 प्रतिशत से अधिक पिछड़े वर्ग के लोगो को जागरूक करने में सफल हुये, तो भाजपा के सीने पर सांप लौटने लगा, चूंकि भाजपा पिछड़ो के सहारे सरकार बनाने का सपना देख रही थी। उन्हें लगा कि यदि गायत्री प्रसाद प्रजापति को फर्जी जांच में उलझा देंगे तो पिछड़ो में सेन्ध मारने का मौका मिल जायेगा, इसलिये भाजपा ने प्रदेश सरकार व गायत्री प्रसाद की छवि को घूमिल करने के लिये फर्जी शि यतकर्ताओं का इस्तेमाल कर रही है। यदि गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ हो रही साजिश, फर्जी जांच को नही रोका गया तो पसमांदा मुस्लिम समाज लोकायुक्त के विरूद्ध सड़को पर उतरकर आन्दोलन करेगा।

इस अवसर पर वसीम राईनी , हाजी अंजुम अली, मुख्तार अहमद मंसूरी, हाजी अनवार गद्दी, महबूब आलम लारी अंसारी, हसीब सैफी, कारी बद्रूद्दीन, हाफिज़ रिज़वान अहमद, मुबीन अहमद अल्वी, इकबाल अहमद मंसूरी, श्रीमती सबीहा सुल्तानाके अतिरिक्त काफी तादाद में पदाधिकारीगण मौजूद थे।