लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दुलारे अफसर और लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशस्वी यादव की काबिलियत लखनऊ की जनता पर भारी पड़ रही है। पिछले दो माह में हत्या के 29 मामले, बलात्कार के 11, छेडछाड़ की 9 घटना, लूट की 29 और डकैती की 7 घटनाएं समाचार पत्रों के माध्यम से संज्ञान में आयी है।

प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि यशस्वी यादव के एसएसपी बनने के बाद से राजधानी लखनऊ में अपराधी इस कदर बेखौफ हो गए हैं कि बेहद हैवानियत और खौफनाक अपराधों को अंजाम देने में तनिक भी हिचक नहीं रहे हैं। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब यह बताएं कि उन्होंने यशस्वी यादव में ऐसी क्या काबिलियत देखी कि यूपी के काबिल आईपीएस अफसरों को किनारे कर अपनी जाति के एक अफसर को महाराष्ट्र से लाकर यूपी में तैनात कर दिया। महाराष्ट्र में बेहद विवादों में रहने वाले इस अफसर ने यही सिलसिला यूपी में शुरू कर दिया है।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि इससे पहल कानपुर में इनकी तैनाती के वक्त जनता त्राहि-त्राहि कर उठी थी और अब ऐसे ही बेहद कठिन दौर से लखनऊ की जनता भी गुजर रही है। अपराधियों का हल्ला बोल जारी है और ये बेहद शर्मनाक है कि जो कार्रवाई एसएसपी को पहले ही कर लेनी चाहिए उसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री को निर्देश देना पड़ रहा है। इतना सब होने के बावजूद एसएसपी के चेहरे पर शिकन नहीं है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि पिछले वर्ष सितंबर में मोहनलालगंज में एक युवती की दुराचार के बाद हत्या में पुलिस ने जैसा गलत और मनमाना खुलासा किया था कुछ वैसा ही अब यशस्वी यादव भी करेंगे। लखनऊ के एसएसपी का पद संभालते ही एक युवक से विदेशी असलहा बरामद करने का नाटक दिखाने वाले यशस्वी यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जुगलबंदी लखनऊ में अपराध के स्तर को चरम पर ले जाने को अमादा है।