नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के दावेदार अरविंद केजरीवाल का मानना है कि चार कंपनियों से 50-50 लाख रुपये लेने के मामले में उनकी पार्टी से कोई गलती नहीं हुई है, क्योंकि वह इस मामले की जितनी जांच कर सकते थे, उतनी कर ली गई थी। इसके अलावा उन्होंने एनडीटीवी इंडिया के रवीश कुमार से खास बातचीत के दौरान कहा कि उनकी नज़र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एक सांप्रदायिक संगठन है, लेकिन उनकी लड़ाई सांप्रदायिकता से है, किसी संगठन से नहीं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 को लेकर जारी सरगर्मियों के बीच अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी जिस मुद्दे पर चौतरफा आरोपों का सामना कर रही है, वह तथाकथित फर्जी कंपनी से चंदा लेने से जुड़ा है, लेकिन उनका कहना है, “हमने अपनी ओर से पूरी जांच कराई थी… कंपनी ROC में रजिस्टर्ड थी… हमने चेक से ही पेमेंट लिया… वैसे, बैंक पहले ही चेक कर लेता है… उसके बाद हमने वेबसाइट पर डाल दिया, मैं चोर होता तो वेबसाइट पर क्यों डालता…?”

इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने दावा किया, “इन चार चेकों के मामले की जांच अपने लोकपाल से करवा लेंगे… हम पैसा देने वालों की बैलेंस शीट थोड़े ही मांग सकते हैं… सरकार के पास सारी जांच एजेंसियां हैं, और पूरी जांच करना अब सरकार का ज़िम्मा है, वे जांच करा लें… वे हम पर सिर्फ कीचड़ फेंक रहे हैं…”

अरविंद केजरीवाल ने इसके अलावा यह भी कहा, “हमसे (चेक लेने के मामले में) कहां गलती हुई, कोई तो बताए… गलती हुई तो दो की जगह 10 साल की सज़ा दे देना… चंदा देने वाले का पता जांचने से मैं सहमत नहीं… वैसे, चाहें तो जांच कर लें, कीचड़ क्यों उछालते हैं… ये सब इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं…”

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी के बारे में अरविंद केजरीवाल का कहना था कि वह उन्हें पसंद करते हैं, लेकिन किरण गलत संगत में हैं। उन्होंने कहा, “मैंने किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया था… किरण बेदी मुझे पसंद हैं, लेकिन वह गलत संगत में हैं… उनके विज्ञापनों में मुझे व्यक्तिगत तौर पर बदनाम किया जा रहा है… विज्ञापन अभियान किरण बेदी के नेतृत्व में चल रहा है… किरण बेदी ने मेरे साथ तीन साल काम किया है, और किरण जानती हैं कि मैं बेईमान नहीं हूं… मुझे बेईमान कहे जाने पर तकलीफ होती है…”

जाति कार्ड का इस्तेमाल करने को लेकर लगे आरोप पर अरविंद केजरीवाल का कहना है कि उन्होंने विज्ञापन में ‘उपद्रवी गोत्र’ शब्द के इस्तेमाल के बाद से जाति के कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने कहा, “मैंने विज्ञापन का इस्तेमाल जाति बताने के लिए नहीं किया… मैंने जाति बताकर भड़काने की कोशिश नहीं की… मैंने ‘बनिया’ शब्द का इस्तेमाल वोट मांगने के लिए नहीं किया… ‘बनिया’ शब्द आम बोलचाल में अच्छा व्यापार करने वालों के लिए किया जाता है…”

अरविंद केजरीवाल का यह भी कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एक सांप्रदायिक संगठन है। उन्होंने कहा, “आरएसएस एक सांप्रदायिक संगठन है… हमारी सरकार आई तो हम सांप्रदायिकता से लड़ेंगे… (अन्ना के) आंदोलन से पहले (बाबा) रामदेव के साथ हमारी बैठक हुई थी, लेकिन आरएसएस के साथ कभी बैठक नहीं हुई थी…”

उनकी पार्टी में मनमुटाव के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी में किसी भी तरह का कोई मनमुटाव नहीं है और प्रशांत भूषण पूरी तरह उनके साथ हैं। उन्होंने कहा, “प्रशांत भूषण हमारे साथ हैं, वह तिमारपुर की रैली में प्रचार के लिए गए थे… हमारा परिवार, सुखी परिवार है, उसमें फूट डालने की कोशिश न की जाए…”

दिल्ली की जनता से किए गए वादों पर बात करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूर्ण राज्य का प्रस्ताव पास करेंगे, और उसके लिए संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए संसद के अंदर आवाज़ उठाएंगे। इसके अलावा किए गए वादों के बारे में बात करते हुए अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि मुफ्त और रियायती दरों पर सुविधाएं देने के लिए नीयत होनी चाहिए, और उन्होंने पूरे आकलन करने के बाद ही जनता से वादे किए हैं।

उन्होंने कहा, “सुविधाएं मुफ्त देने के लिए नीयत होनी चाहिए… पानी मुफ्त देने के लिए सिर्फ 160 करोड़ रुपये चाहिए, जिसका हम इंतज़ाम कर लेंगे… मेरे वक्त में टैक्स की वसूली ज़्यादा हुई थी, और अब भी जो गलत करेगा, उसे हम जेल भेजेंगे, लेकिन व्यापारियों को तंग नहीं करेंगे… हम दिल्ली में रेड राज़ ख़त्म करेंगे… व्यापारी टैक्स की चोरी करेगा तो एक्शन लेंगे… हम फ्री वाई-फाई देने के अपने वादे पर अमल करेंगे… सड़क, पानी, बिजली की तरह कनेक्टिविटी भी अब ज़रूरी है…”

दिल्ली में सीसीटीवी लगाने के वादे पर बातचीत में अरविंद केजरीवाल का कहना था इसके लिए बजट का इंतज़ाम हो जाएगा और सीसीटीवी से किसी की निजी ज़िंदगी में दखल नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “सीसीटीवी से अपराध रुकेगा… सीसीटीवी किसी की प्राइवेसी खत्म कैसे कर सकता है… सीसीटीवी लगाने में 200 करोड़ रुपये का ही खर्च आएगा, हमने इसका आकलन कर लिया है…”

उनकी पार्टी के प्रत्याशियों पर लग रहे आरोपों के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में किसी भी उम्मीदवार को 4-सी, यानि चार आधारों पर परखा जाता है – कैरेक्टर, क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज़्म (Character, Crime, Corruption, Communalism) उन्होंने कहा, “हम चार चीज़ों – कैरेक्टर, क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज़्म – पर कोई समझौता नहीं करते… किसी के खिलाफ इस आधार पर आरोप साबित होंगे तो उसे निकाल देंगे…” उम्मीदवार चुनने के बारे में उन्होंने कहा, “हमने हर विधानसभा क्षेत्र में वॉलंटियर्स की बैठक की, और उनसे उम्मीदवारों के नाम मांगे… वोटिंग इसलिए नहीं कराई, क्योंकि इससे गुटबाज़ी और झगड़ा बढ़ता है… हम बाहर से भी किसी उम्मीदवार को नहीं लाए, और हमने सब उम्मीदवारों पर 4-सी का टेस्ट किया, और उसके बाद हमने लोकप्रियता के आधार पर उम्मीदवार चुने…”

जिस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल सरकार ने इस्तीफा दे दिया था, उस पर उनका दावा था कि उन्होंने लोकपाल को नहीं छोड़ा, और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इसके संबंध में पीआईएल दायर की हुई है।