नई दिल्ली: कांग्रेस मुख्यालय पर मंगलवार को पार्टी कार्यसमिति की एक अहम बैठक हुई। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात पर गहन चर्चा हुई। पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने बताया कि कांग्रेस अपने संविधान में भी बदलाव लाने पर विचार कर रही है। 

पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल करने पर चचार्: कांग्रेस महासचिव ने बताया कि कार्यसमिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल पांच से घटाकर तीन साल करने पर भी चर्चा हुई है। इस बैठक में नए सिरे से सदस्यता अभियान चलाने को लेकर भी बात हुई। 

राहुल के नाम पर चर्चा नहीं: इस बैठक को लेकर पूर्व में कयास लगाए जा रहे थे कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने के नाम पर चर्चा होगी। ऐसा कुछ नहीं हुआ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरके धवन कार्यसमिति की बैठक के बाद कहा कि इसमें राहुल को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। 

अध्यादेश के जरिए फैसलों पर कांग्रेस असहमत: बैठक में हुई चर्चा के बारे में पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी केंद्र सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण बिल समेत अन्य मसलों पर अध्यादेश के जरिए किए फैसलों से सहमत नहीं हैं। वे इस लोकतंत्र के खिलाफ मानती हैं।Ó उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार हर कार्य के लिए अध्यादेश का सहारा ले रही है।

भाजपा लौट रही पुरानी रंगत में: द्विवेदी ने आरोप लगाया कि भाजपा अब अपनी पुरानी रंगत में लौट रही है। भाजपा के कुछ जिम्मेदार लोग जानबूझ कर ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे समाज में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हो रहा है। ऐसा भाजपा ने लोकसभा चुनाव के पहले भी किया था। उन्होंने भाजपा सरकार की कमियों को गिनाते हुए कहा कि सरकार पिछले छह महीने में महंगाई कम नहीं कर सकी है जिसके कारण आज भी किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं।