बदायूं : स्थानीय अदालत ने आज केन्द्रीय जांच ब्यूरो को कटरा सादतगंज मामले में साक्ष्य दाखिल करने के लिए 16 जनवरी तक का समय दिया। गैंगरेप और हत्या के इस कथित मामले में दो चचेरी बहनों के शव पेड से लटके मिले थे।

पीडित परिवारों के वकील कोकब हसन नकवी ने बताया कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अनिल कुमार ने अपने आदेश में कहा कि सीबीआई ने मामला बंद करने के लिये दाखिल 34 पेज की रिपोर्ट के साथ कोई साक्ष्य संलग्न नहीं किये है।

अदालत ने पीडित परिजनों को आपत्तियां दाखिल करने के लिए आज तक का समय दिया था। पीडितों के वकील ने कहा कि प्रतिवाद याचिका इसलिए नहीं दाखिल की जा सकी क्योंकि सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट के साथ कोई साक्ष्य सलंग्न नहीं किये थे। सीबीआई ने पिछले साल हुयी इस घटना से संबंधित मामला बंद करने के लिये 11 दिसंबर को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत में अपनी रिपोर्ट दाखिल की थी।

यह घटना गैंगरेप और हत्या के मामले के रूप में सुखिर्यां बनी थी लेकिन सीबीआई जांच में यह दोहरी आत्महत्या का मामला निकला। सीबीआई ने हाल ही में कहा था कि 200 से अधिक लोगों से पूछताछ और 40 वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के साथ वह इस नतीजे पर पहुंची है कि दोनों बहनों ने आत्महत्या की थी।

सीबीआई ने कहा था कि फोरेंसिंक लैब, तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड और उसकी जांच से खुलासा हुआ है कि प्राथमिकी में जिन पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप लगे, वे गलत थे और उत्तर प्रदेश पुलिस ने गलत लोगों को गिरफ्तार किया। दोनों किशोरियों के शव उनके गांव के निकट 28 मई को आम के पेड से लटके पाये गये थे। उनकी ‘आटोप्सी रिपोर्टÓ के आधार पर शुरूआत में माना गया कि उनका यौन उत्पीडन करने के बाद हत्या की गयी और शवों को पेड से लटका दिया गया। लडकियों के परिजनों का आरोप था कि दोनों बहनों का गांव के ही पांच युवकों ने अपहरण करने के बाद हत्या की है।