प्रदेश में लागू होगी ‘अलीगढ़ दंगा नियंत्रण नीति’

लखनऊ : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दंगा-फसाद रोकने के लिए ड्रोन कैमरों की मदद ली जाएगी। इसके लिए ड्रोन कैमरे खरीदे जाएंगे। इसके साथ ही प्रदेश में ‘अलीगढ़ दंगा नियंत्रण नीति’ लागू की जाएगी। 

डीजीपी अरुण कुमार गुप्ता ने मंगलवार को प्रदेश के सभी आठ आईजी जोन के साथ कानून-व्यवस्था और अपराध नियंक्षण पर बैठक के दौरान यह जानकारी दी। पुलिस को अनुशासित और हमेशा आमलोगों के लिए उपलब्ध रहना होगा। उन्होंने मातहतों को बताया कि अलीगढ़ में 1992-93 में एसएसपी रहते हुए उन्होंने सांप्रदायिक हिंसा की छोटी सी भी घटना नहीं होने दी थी। वहां तैनात सारे अधिकारियों की दंगा होने की स्थिति में पहले से ही डय़ूटी लगा जिम्मेदारी तय कर दी गई। चुस्त-दुरुस्त इंतजाम हुए और दंगा नहीं होने दिया गया। 

डीजीपी ने दंगा नियंत्रण पर पूर्वाभ्यास के भी निर्देश दिए। ड्रोन कैमरों की मदद से संवेदनशील जिलों मेरठ, मुरादाबाद, गाजियाबाद, सहारनपुर, बदायूं, बुलंदशहर, बरेली, रामपुर, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, अलीगढ़ में भी  दंगा अथवा बलवे के हालत पर प्रभावी अंकुश लगाया जाएगा। उन्होंने हर शुक्रवार को परेड करने, पुलिस कर्मियों के जजर्र मकान ठीक करने, अर्दली रूम में सिपाहियों की समस्या का निराकरण करने, पुलिस पिकेट के अलावा गश्त करते हुए भी सड़क पर ज्यादा से ज्यादा उपलब्ध रहने की हिदायत दी। डीजीपी ने कहा कि थानेदारों से लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय हो। बेवजह की डय़ूटियां न लगाएं। समीक्षा करें कि डय़ूटी आम लोगों के लिए लगाई गई या नहीं? सिपाही बीट पर जाएं और जनता से संपर्क बनाएं।

स्कूलों, खासतौर पर लड़कियों के स्कूलों के आसपास सीसीटीवी लगाएं और पुलिस बल हमेशा मुस्तैद रहे। गुमशुदा बच्चाों के लिए अभियान गंभीरता से चलाएं।