टीम इंस्टेंटखबर
‘स्टेट ऑफ द ग्लोबल इस्लामिक इकोनॉमी रिपोर्ट 2020-21’ के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा हलाल मीट का निर्यात ब्राजील करता है. दूसरे नंबर पर भारत है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-21 में ब्राजील ने 16.2 अरब डॉलर का हलाल मीट एक्सपोर्ट किया था. वहीं, भारत ने 14.2 अरब डॉलर का हलाल फूड निर्यात किया था.

भारत सरकार के अपने कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं है, जिसमें बताया गया हो कि सरकार ने कितना हलाल मीट एक्सपोर्ट किया और कितना झटका मीट. सरकार ऐसा कोई सर्टिफिकेट भी नहीं देती जिससे पता चले कि ये मांस हलाल का है या झटके का.

मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अधीन आने वाले एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (APEDA) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से दुनिया भर के 70 से ज्यादा देशों में मीट और एनिमल प्रोडक्ट्स निर्यात किया जाता है. रिपोर्ट बताती है कि देश में 111 यूनिट ऐसी हैं जहां तय मानकों और गाइडलाइंस से जानवरों को काटा जाता है और यहीं से मीट को एक्सपोर्ट किया जाता है.

APEDA के मुताबिक, देश में 10 करोड़ से ज्यादा भैंस, 15 करोड़ बकरियां और 7.5 करोड़ भेड़ हैं. इन्हीं का मांस दूसरे देशों में भेजा जाता है. सरकार ने गाय के मांस (बीफ) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है.

दुनिया में सबसे ज्यादा डिमांड भैंस के मांस की होती है. भारत में भी सबसे ज्यादा मांस भैंस का ही बेचा जाता है. APEDA के आंकड़े बताते हैं कि जितना भी मांस निर्यात किया जाता है, उसमें से 90 फीसदी मांस भैंस का होता है.

भारत ने 2020-21 में दुनियाभर में 10.86 लाख मीट्रिक टन भैंस का मांस निर्यात किया. इसकी कुल कीमत 23,460 करोड़ रुपये थी. जिन देशों में सबसे ज्यादा भैंस का मांस निर्यात किया गया, उनमें हॉन्गकॉन्ग, वियतनाम, मलेशिया, इजिप्ट और इंडोनेशिया शामिल हैं.

हलाल एक अरबी शब्द है, जिसे इस्लामिक कानून के हिसाब से परिभाषित किया गया है. हलाल को इस्लाम में अनुमति है. किसी भी जानवर को हलाल करने से पहले आयतें पढ़ी जाती हैं, जिसे तस्मिया या शाहदा कहा जाता है. हलाल में जानवर के सांस लेने वाली नली को धीरे-धीरे काटा जाता है. इससे जानवर का सारा खून बह जाता है और उसकी मौत हो जाती है.

वहीं, झटका में जानवर को एक झटके में मार दिया जाता है. इस प्रक्रिया में जानवर को पहले बेहोश किया जाता है, फिर उसकी गर्दन पर झटके से वार किया जाता है. इससे उसका सिर और धड़ अलग हो जाता है और उसकी मौत हो जाती है.