नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मांस के लिए जानवरों को हलाल किये जाने पर रोक संबंधी याचिका सोमवार को खारिज कर दी और याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार भी लगायी।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अखंड भारत मोर्चा की याचिका को शरारतपूर्ण करार देते हुए खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति कौल ने कहा, “आपकी यह याचिका शरारतपूर्ण लगती है।”

खंडपीठ ने कहा कि न्यायालय इस पर सुनवाई नहीं करता कि कौन शाकाहारी हो, कौन मांसाहारी। न्यायमूर्ति कौल ने कहा, “हम यह भी तय नहीं कर सकते हैं कौन हलाल मीट खाएगा और कौन झटका मीट।”

हलाल प्रथा में जानवरों का धारदार हथियार से गला रेतकर वध किया जाता है, जबकि झटका प्रथा में तेज हथियार से एक वार करके एक बार में ही उसका सिर धड़ से अलग कर दिया जाता है।