मौलाना सैयद अरशद मदनी को मिल सकती है शेखुल हदीस और सदर मुदर्रिस की बड़ी जिम्मेदारी

तौसीफ कुरैशी

देवबन्द। इस्लामिक शिक्षा के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध दारुल उलूम देवबन्द की सुप्रीम कमेटी मजलिस-ए-शूरा की प्रथम चरण की बैठक में सरकार के निर्देशानुसार संस्था में शैक्षिक कार्य शुरू करने पर चर्चा हुई साथ ही विभिन्न विभागों की रिपोर्ट भी शूरा सदस्यों के सामने पेश की गई।

तीन दिवसीय होने वाली शूरा की इस बैठक में संस्था का वार्षिक बजट पारित करने के अलावा रिक्त चल रहे शेखुल हदीस व सदर मुदर्रिस के पद पर नियुक्ति भी की जा सकती हैं। सोमवार की सुबह 9 बजे संस्था के अतिथिग्रह के सभागार में शुरू हुई शूरा सदस्यों की बैठक दोपहर करीब 1 बजे तक चली। बताया जाता है कि बैठक में कोरोना काल के चलते करीब 6 महीने से संस्था में ठप्प पड़े शैक्षणिक कार्य को सरकार के दिशा निर्देशानुसार पुनः शुरू किए जाने पर मंथन किया गया।

साथ ही छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर क्या-क्या कदम उठाए जाए इस पर भी विचार विमर्श हुआ। प्रथम चरण की बैठक में शूरा सदस्यों के सामने विभिन्न विभागों की रिपोर्ट भी पेश की गई। पांच चरणों में सम्पन्न होने वाली शूरा की यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

इस बैठक में संस्था का वर्ष 2020-21 का वार्षिक बजट भी पारित होना है साथ ही संस्था के शेखुल हदीस और सदर मुदर्रिस के पद पर भी नियुक्ति की जा सकती हैं, जिनके लिए कई महत्वपूर्ण नामों की चर्चाएं ज़ोरों पर हैं।

कोरोना काल के चलते छह महीने से अधिक समय तक मदरसा बन्द रहने के कारण इस बार संस्था के वार्षिक बजट में भारी कटौती की जा सकती है। वर्ष 2019-20 में संस्था का वार्षिक बजट करीब 36 करोड़ रुपए का था, लेकिन चर्चा है कि कोरोना के वैश्विक असर के चलते इस बार संस्था का वार्षिक बजट घट कर काफी कम हो सकता है।

बैठक में एयूडीएफ़ के अध्यक्ष एवं सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल, मौलाना अनवारुल हक, मौलाना रेमतुल्लाह कश्मीरी, मौलाना शफीक बेंगलूर, मौलाना अलीम फारूकी, मौलाना महमूद, पूर्व मोहतमिम मौलाना ग़ुलाम मोहम्मद वुस्तानवी, मौलाना आकिल सहारनपुरी, सैयद अनज़र हुसैन मियां, मौलाना मलिक मोहम्मद इब्राहीम, मुम्बई विधानसभा के एमएलए मौलाना इस्माईल मालेगांव, हकीम कलीमुल्लाह अलीगढ़, सय्यद हबीब अहमद, मौलाना निज़ामुद्दीन और संस्था के मोहतमिम मुफ़्ती अबुल क़ासिम अन्सारी नौमानी मौजूद रहे।

जमीअत के अध्यक्ष हज़रत मौलाना सैयद अरशद मदनी को ये बड़ा पद मिलने की चर्चा।

दारुल उलूम देवबन्द के पूर्व शेखुल हदीस मुफ़्ती सईद अहमद पालनपुरी के निधन के बाद से रिक्त चल रहे शेखुल हदीस और सदर मुदर्रिस के पद पर नियुक्ति के लिए मजलिस-ए-शूरा की बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा। इन पदों के लिए कई नाम ज़ेरे गौर भी हैं।हालांकि सूत्रों की मानें तो शूरा सदस्यों द्वारा संस्था के मोहतमिम मुफ़्ती अबुल कासिम नौमानी को ही शेखुल हदीस जबकि संस्था के सदर मुदर्रिस पद की ज़िम्मेदारी जमीयत उलेमा के हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दारुल उलूम देवबन्द के वरिष्ठ उस्ताद हज़रत मौलाना सैयद अरशद मदनी को देने पर भी चर्चा हुई है।