नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला बंद कर दिया गया है. इस मामले में संबंधित सबूत प्राप्त करने में असमर्थता का हवाला देते हुए कोर्ट ने सुनवाई बंद की है.

साज़िश से इंकार नहीं
न्यायमूर्ति एके पटनायक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2019 में पूर्व CJI रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप साजिशन हो सकते हैं , इससे इंकार नहीं किया जा सकता. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह न्यायिक और प्रशासनिक पक्ष में CJI द्वारा उठाए गए कड़े रुख के कारण हो सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः लिया संज्ञान
जस्टिस पटनायक कमेटी की रिपोर्ट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान से मामले का निपटारा किया. सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पूर्व जस्टिस ए के पटनायक की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी. जस्टिस पटनायक कमेटी ने अक्टूबर 2019 में अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंप दी थी.

इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड प्राप्त करने में असमर्थ रहा पैनल
जस्टिस पटनायक की रिपोर्ट में पूर्व CJI के खिलाफ साजिश के अस्तित्व को स्वीकार किया गया है और इसे खारिज नहीं किया जा सकता है, लेकिन पैनल विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड प्राप्त करने में असमर्थ रहा. IB के निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जस्टिस गोगोई नागरिकों पर नेशनल रजिस्टर से जुड़े मामलों में गंभीरता से विचार कर रहे हैं. IB निदेशक की रिपोर्ट कहती है कि कुछ लोग इस फैसले से नाखुश हैं. हम इस विचार के हैं कि कोई भी सच्चा उद्देश्य नहीं दिया जाएगा. मामले मे सुनवाई बंद की जाती है. रिपोर्ट को सील कवर में रखा जाना चाहिए. दो साल बीत चुके हैं और इस स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की जांच होने की संभावना नहीं है.