नई दिल्ली: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई व सांसद ने एक टीवी कार्यक्रम के दौरान देश के न्यायव्यवस्था को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश के न्यायव्यवस्था का खस्ताहाल है।

लाइव लॉ के मुताबिक, पूर्व न्यायाधीश रंजन गोगोई ने भी यह माना कि अब कोई भी कोर्ट नहीं जाना चाहता, वह भी कोर्ट नहीं जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग रिस्क उठा सकते हैं वही अदालत का रुख करते हैं।

एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में पूर्व सीजेआई ने कहा, ‘कौन कोर्ट जाता है? आप अदालत जाते हैं और पछताते हैं।’ रंजन गोगोई ने आगे कहा कि बड़े कॉर्पोरेट ही अदालतों का रुख करत हैं क्योंकि ये जोखिम उठा सकते हैं। आम लोग कोर्ट नहीं जाते हैं क्योंकि वह जोखिम को नहीं उठा सकते हैं या फिर जोखिम उठाने में उन्हें डर लगता है।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई नवंबर 2019 में सीजेआई के पद से रिटायर हुए थे। इसके बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने मार्च 2020 में रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। लोकसभा में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के सवाल के बाद कानून ऐक्शन लेने के सवाल के जवाब में पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा, ‘अगर आप अदालत जाते हैं तो आप अपने निजी मामलो को कोर्ट में सार्वजनिक करते हैं। आपको कभी भी फैसला नहीं मिलता है।’

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि आप जजों की नियुक्ति वैसे नहीं कर सकते जैसे सरकार में अफसरों की होती है। इस दौरान भारतीय न्याय व्यवस्था में बड़े बदलावों की बात भी कही। उन्होंने कहा कि आप 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था चाहते हैं लेकिन आपकी न्याय व्यवस्था जर्जर हालत में है।