रेलवे में स्थाई नौकरी के लिए सर्वे 25 अगस्त से
लखनऊ
रेलवे में कुलियों की स्थाई नौकरी और उनकी आजीविका व सामाजिक सुरक्षा के प्रश्नों पर राष्ट्रीय कुली मोर्चा द्वारा 25 अगस्त से पूरे देश में कुलियों का सर्वे शुरू किया जाएगा। इस आशय का निर्णय राष्ट्रीय कुली मोर्चा की वर्चुअल बैठक में लिया गया। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय कुली मोर्चा के कोऑर्डिनेटर राम सुरेश यादव ने बताया कि रेलवे के आधुनिकरण, निजीकरण और भीषण बढ़ रही महंगाई के कारण कुलियों के सामने आजीविका का गहरा संकट खड़ा हो गया है। वर्तमान कमाई में वह अपने बाल बच्चों का पेट पालने में खुद को असक्षम पा रहे हैं। ऐसे में 2008 की तरह एक बार पुन: भारत सरकार को रेलवे की ग्रुप डी की नौकरी में कुलियों को समायोजित करना चाहिए और उनकी सामाजिक सुरक्षा का इंतजाम करना चाहिए।
राष्ट्रीय कुली मोर्चा द्वारा कराए जा रहे सर्वे के फार्म पर बैठक में विस्तार से बातचीत हुई। विभिन्न प्रतिनिधियों के सुझावों के बाद यह तय किया गया कि कुलियों की प्रतिदिन की आमदनी, उनके भोजन का स्तर, स्वास्थ्य, शिक्षा सुविधाओं की रेलवे द्वारा उपलब्धता, सूदखोरों या अन्य एजेंसियों द्वारा लिए जा रहे कर्ज, कपड़ा, मकान आदि में खर्च के साथ कुली विश्राम गृह में प्राप्त सुविधाओं का गहन अध्ययन किया जाएगा। सर्वे में इस बात की शपथ भी दिलाई जाएगी कि कुली रेलवे की स्थाई नौकरी में समायोजित होने को स्वीकार करेंगे और वापस कुली के पेशे में नहीं आएंगे। इस सर्वे के आधार पर राष्ट्रीय कुली मोर्चा एक रिपोर्ट तैयार करेगा। जिसे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत रेलवे के अधिकारियों और सांसदों व राजनीतिक दलों के प्रमुखों को भेजा जाएगा। बैठक का संचालन चंदेश्वर मुखिया ने किया।
बैठक में शेख रहमतुल्लाह, राज कपूर, राहुल कुमार, अरुण कुमार महतो, राजकुमार, अरविंद, कन्हैया ग्वाल, अनिल सांवले, रामबाबू बिलाला, राम महावर, चंद्रू चालवाड़ी, अमजद भाई, कलीम मकरानी, मूलचंद वर्मा, राजू टीकम, जितेंद्र डांगी , मोहम्मद हाशिम, चंद्रपाल, भारत भूषण आदि ने अपने विचार रखे।










