लखनऊ: भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि योगी सरकार की नाक के नीचे राजधानी लखनऊ में कोरोना संबंधी भारी कुव्यवस्था ने सरकार के दावों की पोल खोल दी है।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री योगी कोरोना पर उच्च स्तरीय टीम बैठक की फोटो अखबारों में छपवाते हैं, जिससे प्रदेशवासियों को यह संदेश देने की कोशिश होती है कि सरकार कोरोना की दूसरी लहर के प्रति गंभीर है। जबकि जमीनी स्थिति इसके उलट है।

माले नेता ने कहा कि सरकार के दावों के बावजूद, राजधानी लखनऊ में कोरोना प्रभावितों की संख्या और मौतें उफान पर हैं। जांच से लेकर गंभीर मरीजों की भर्ती व इलाज के मोर्चे पर स्थिति खस्ताहाल है। अस्पताल से श्मशान तक में लंबी लाइनें हैं। उधर, मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।

कामरेड सुधाकर ने कहा योगी सरकार पश्चिम बंगाल की कुर्सी के लिए इस कदर आतुर है कि उसे यूपी और राजधानी लखनऊ में कोरोना से हो रही मौतें दिखाई नहीं देतीं। भाजपा बंगाल जीतने के लिए यूपी वालों की बलि चढ़ा रही है। बिहार में मुफ्त कोरोना वैक्सीन का वादा करने वाली भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आखिर किस मुंह से प. बंगाल को यूपी जैसा बनाने का ताल ठोंक रहे हैं? क्या यूपी की दुर्दशा गैर-यूपी वालों से छुपी है? उन्होंने कहा कि यूपी के शहरों में रात्रि कर्फ्यू और बंगाल में चुनावी रैलियों से कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर भ्रम की स्थिति है। कई जगहों पर कोरोना वैक्सीन की अनुपलब्धता से टीका उत्सव (11 से 14 अप्रैल) मजाक बनकर रह गया है।

माले नेता ने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ की विशेष अदालत में अपने सेवाकाल के अंतिम दिन आडवाणी समेत 32 आरोपियों को बरी करने वाले जज को अवकाश ग्रहण के कुछ समय बाद गुपचुप तरीके से प्रदेश का उपलोकायुक्त नियुक्त किये जाने से सवाल खड़े हुए हैं। फाइलों में दबाकर रखी गई नियुक्ति करीब एक सप्ताह बाद मीडिया के एक हिस्से द्वारा सामने लाये जाने पर प्रदेशवासियों को जानकारी में आई। जो भी हो, इस तरह की नियुक्तियों से अतीत में भी सवाल खड़े हुए हैं और इस बार भी न्यायपालिका की गरिमा पर आंच आई है।

राज्य सचिव ने कहा कि बुधवार को प्रदेश भर में माले डॉ. बीआर अम्बेडकर की 130वीं जयंती को ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ’ दिवस के रूप में मनाएगी। अम्बेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर का. सुधाकर ने कहा कि पूर्व संविधान निर्माता हिन्दू राष्ट्र को देश के लिए बड़ा खतरा मानते थे और इसे हर हाल में रोकना चाहते थे। बाबा साहब का यह भी मानना था कि हिंदू राष्ट्र मुसलमानों से ज्यादा खुद हिंदुओं के लिए नुकसानदेह होगा, क्योंकि यह जातिवाद और मनुवाद पर टिका होगा और बराबरी व महिलाओं के खिलाफ होगा।