साउथम्पटन: भारत और न्यूजीलैंड के बीच साउथंंप्टन में खेले जा रहे वर्ल्ड टेस्ट चैंंपियनशिप फाइनल मुकाबले के चौथे दिन का बिना एक भी गेंद फेंके रद्द करने का फैसला लिया गया. अब अगर रिजर्व-डे को मिलाकर बाकी दो दिन खेल होता भी है, तो इस मैच में शायद ही परिणाम निकले.

इससे पहले 5:00 बजे के आस-पास खिलाड़ियों ने लंच लिया था. हालांकि, सुपर-सॉपर्स नियमित अंतराल पर काम काम कर रहे हैं, लेकिन हर बार बारिश ने मैदानकर्मियों की मेहनत पर पानी फेर दिया. तीसरे दिन खेल रोके जाने के समय न्यूजीलैंड का स्कोर 2 विकेट पर 101 रन थे और भारत के पहली पारी के 217 से अभी भी 116 रन पीछे हैं. विलियमसन 12 और रॉस टेलर बिना खाता खोले क्रीज पर थे.

तीसरे दिन की बात करें, तो कीवी ओपनर डेवोन कोनवे जैसे ही आउट हुए, ठीक वैसे ही मैदान पर अंधियारा छा गया. बहरहाल अंधेरा होने से पहले इशांत भारत के लिए थोड़ा उजाला लेकर आए और इशांत ने भारत को दूसरी सफलता दिला दी है. जमकर खेल रहे केवोन को इशांत ने मिडऑन पर शमी के हाथों लपकवाकर कप्तान विराट को राहत की सांस दी. लेकिन आउट होने से पहले कोवेन ने 54 रन बनाकर न्यूजीलैंड को सौ के पार पहुंचा दिया. इससे पहले भारत को पहली सफलता जरूर मिली, जब अश्विन ने जमकर खेल रहे टॉम लैथम को शॉर्ट-कवर पर कप्तान विराट के हाथों लपकवाकर न्यूजीलैंड को पहला झटका दिया, लेकिन इसके बाद कोनवे और कप्तान केन विलियमसन ने मिलकर न्यूजीलैंड को मजबूती प्रदान की.

भारत को पहली पारी में 217 पर ऑल-आउट करने के बाद न्यूजीलैंड के दोनों ओपनरों लैथम और कोनवे ने अपनी टीम को पिच और हालात के हिसाब बहुत ही शानदार शुरुआत दी. लैथम ने आउट होने से पहले कोनवे के साथ पहले विकेट के लिए 70 रन की साझेदारी की. चायकाल के समय कीवी टीम ने बिना नुकसान के 36 रन बनाए थे. तब लैथम 17 और कोनवे 18 रन बनाकर क्रीज पर थे. हालांकि, भारतीय पेसरों ने अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन तीनों भारतीय सीमर कीवी ओपनरों पर बीस साबित नहीं हो सके. चायकाल से कुछ देर पहले शमी की गेंद पर 20वे ओवर में लैथम के बल्ले का किनारा लेकर गेंद जरूर गली की तरफ गयी, लेकिन यह रहाणे के सिर के थोड़ा ऊपर से चली गयी. यह मौका न के ही बराबर था. कुल मिलाकर कीवी ओपनरों ने भारतीय सीमरों को कोई मौका नहीं दिया और भारतीय बल्लेबाजों के मुकाबले ज्यादा विश्वसनीय दिखायी पड़े.