नई दिल्ली: विश्व बैंक ने बुधवार को कहा कि वह अल सल्वाडोर द्वारा बिटकॉइन को इंप्लीमेंट करने में कोई सहायता नहीं दे सकता है. विश्व बैंक ने इसके पीछे पर्यावरण और पारदर्शिता से जुड़ी चिंता को वजह बताया. विश्व बैंक के प्रवक्ता ने ई-मेल के जरिए इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वह करेंसी ट्रांसपैरेंसी और रेगुलेटरी प्रॉसेसेज को लेकर अल सल्वाडोर की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन बिटकॉइन को लेकर कोई मदद संभव नहीं है.

इससे पहले बुधवार की सुबह सल्वाडोरन वित्त मंत्री अलेजांद्रो जेलाया ने जानकारी दी थी कि अमेरिकी डॉलर के साथ-साथ बिटकॉइन को भी लीगल टेंडर के रूप में प्रयोग करने के लिए विश्व बैंक से तकनीकी सहायता मांगी गई है. इस पर विश्व बैंक ने नकारात्मक रुख स्पष्ट कर दिया है. अल सल्वाडोर की सरकार ने विश्व बैंक के फैसले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

अल-सल्वाडोर ने पिछले हफ्ते बिटकॉइन को किसी भी सौदे के लिए कानूनी करेंसी के तौर पर मान्यता दे दी. अल-सल्वाडोर की संसद में बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दी गई. राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने अपने ट्वीट में लिखा कि बिटकॉइन और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट अब स्वतंत्र तौर पर स्थापित होने लगेंगे. कीमतों को बिटकॉइन में बताया जा सकेगा. बिटकॉइन में लेन-देन कैपिटल गेन्स टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे. डॉलर में किए जाने वाले पेमेंट अब बिटकॉइन में भी किए जा सकेंगे.