लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक सड़क दुर्घटना में दो युवकों की मौत के बाद नाचे बवाल को शांत कराने के लिए यूपी पुलिस ने जो काम किया उसने न सिर्फ सरकार की किरी किरकिरी करवाई बल्कि विपक्ष को भी सरकार को घेरने का मौका दे दिया. दरअसल बवाल के बीच बचाव के लिए पुलिसकर्मी प्लास्टिक की स्टूल और टोकरी सिर पर रखे नजर आए. इस घटना की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विपक्ष ने सवाल उठाए तो सरकार की किरकिरी होने लगी. जिसके बाद अब पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया गया है.

दरअसल, उन्नाव में पुलिस वालों पर हमले के बाद पथराव से बचने के लिए कई पुलिसकर्मी प्लास्टिक की स्टूल और बांस की टोकरी का इस्तेमाल करते हुए नजर आए. जिस पर आईजी लखनऊ रेंज लक्ष्मी सिंह ने गहरी नाराजगी जताई है. उन्होंने इसे स्थानीय पुलिस की शिथिलता, अक्षमता व गैर व्यवसायिक दक्षता वाला कृत्य मानते हुए सदर कोतवाल दिनेश चंद्र मिश्र, मगरवारा चौकी प्रभारी अखिलेश यादव समेत 2 सिपाहियों को निलंबित करने का फरमान जारी कर दिया. इतना ही नहीं क्षेत्राधिकारी नगर कृपाशंकर से स्पष्टीकरण मांगा गया है.

एसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत देवी खेड़ा गांव के दो लोगों की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. जिनका रात पोस्टमार्टम कराया गया और शव को परिजनों को सौंप दिया गया. लेकिन परिजनों के साथ ग्रामीणों ने शव को रोड पर लाकर रख दिया और जाम लगाया दिया. मौके पर एसडीएम और सीओ पर्याप्त फोर्स के साथ गए और लोगों को समझाने की कोशिश की. लेकिन इसी बीच कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. मामले में 43 लोगों को गिरफ्तार किया गया, इन सभी लोगों खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जा रही है.

करीब 3 घंटे तक उन्नाव-शुक्लागंज राज्यमार्ग पर बवाल चलता रहा. पथराव और बवाल में दर्जन भर से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. मगरवारा चौकी क्षेत्र के देवीखेड़ा गांव निवासी राजेश व विपिन की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. जिससे नाराज लोगों ने रोड जाम कर दी. मृतकों के परिजन 20-20 लाख रुपये मुआवजा व कार सवार लोगों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. इस बीच सूचना पर पहुंची पुलिस के ऊपर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया.