हमीरपुर:
अंतर्राष्ट्रीय गर्भ समापन दिवस पर बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुरारा में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें डॉक्टरों ने गर्भ समापन के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए लोगों को जागरूक किया। कार्यशाला समर्थ फाउंडेशन, सहयोग, पाई संस्था के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी।

कार्यशाला में जिला अस्पताल की डॉ.अनामिका ने बताया कि यदि महिलाएं गर्भपात या गर्भसमापन करवाना चाहती हैं तो निर्धारित मानको को पूरा करने के बाद वह प्रशिक्षित चिकित्सक की देखरेख में गर्भ समापन करवा सकती हैं। सीएचसी कुरारा की डॉ.नेहा यादव ने कहा कि महिलाओं को प्रजनन अधिकारों के प्रति जागरूक होना होगा। सुरक्षित गर्भ समापन करवाना उनका कानूनी अधिकार हैं। उन्होंने कहा कि असुरक्षित तरीके के गर्भ समापन करवाने में जान को खतरा हो सकता हैं। इसलिए प्रशिक्षित चिकित्सक की देखरेख व परामर्श से गर्भ समापन करवाएं।

बीसीपीएम सुधीर साहू ने कहा कि लोगों को इस कानून के बारे में और अधिक जागरूक करने की जरूरत हैं। सभी के साझा प्रयासों से असुरक्षित तरीके के गर्भ समापन के कारण होने वाली मौतों को रोका जा सकता हैं। फार्मासिस्ट संजीव त्रिपाठी ने बताया कि लोग मेडिकल स्टोर से गर्भ समापन की दवाएं बिना किसी कुशल व प्रशिक्षित चिकित्सक के सलाह से ले लेते हैं, इससे बचना हैं। डॉ.योगेन्द्र यादव ने इस कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य पर जानकारी दी। उन्होंने इससे बचने के उपाय भी लोगों को बताएं।

समर्थ फाउंडेशन के देवेंद्र गांधी ने कहा कि एनएफएचएस-4 के अनुसार भारत में करीब 18 प्रतिशत महिलाएं बच्चों के जन्म में अंतर रखना चाहती हैं या बच्चा नहीं चाहती है किंतु फिर भी अनचाहा गर्भ ठहर जाता हैं। उत्तर प्रदेश में हर साल 50 लाख गर्भवती में से 6 लाख महिलाएं गर्भ समापन करवाती हैं। मातृमृत्यु दर में करीब 8 से 12 प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु असुरक्षित गर्भ समापन करवाने के कारण होती हैं। ऐसे में एमटीपी कानून के प्रति और अधिक जागरूकता की जरूरत हैं ताकि जरूरतमंद लोग सुरक्षित तरीके से गर्भ समापन की ओर आगे बढें।

गर्भ समापन करवाया जा सकता हैं यदि-

  • यौन हमले बलात्कार या अनाचार से गर्भ ठहर गया हो।
  • शारीरिक रूप से दिव्यांग महिलाएं।
  • मानसिक मंदता सहित मानसिक रूप से दिव्यांग महिलाएं।
  • भू्रण की विकृत की स्थिति में।
  • परिवार नियोजन के साधन अपनाने के बाद विफल होने पर।

सुरक्षित गर्भ समापन के नियम
एमटीपी कानून के तहत सुरक्षित गर्भ समापन के लिए नियम है कि यदि 20 सप्ताह तक का गर्भ हैं तो एक चिकित्सक के राय से उसकी देखरेख में गर्भ समापन करवाया जा सकता हैं। वही 20 से 24 सप्ताह तक के गर्भ के समापन के लिए दो चिकित्सकों की देखरेख व उनके परामर्श से ही गर्भ समापन किया जाएगा। वही भ्रूण की असमानता की स्थिति में 24 सप्ताह के बाद राज्य मेडिकल बोर्ड से राय लेना होगा। इस मौके पर स्टाफ नर्स सीता व एचईओ रवि कुमार द्विवेदी ने भी अपने विचार रखे।