जिनेवा: कोरोना वायरस महामारी को लेकर दुनियाभर के कई देशों में दावा किया जा रहा है कि वहां संक्रमण के कारण लोगों में हर्ड इम्यूनिटी (सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता) का विकास हो गया है। लेकिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसे किसी भी दावे को खारिज करते हुए कहा है कि विश्व अभी कहीं भी कोरोना वायरस के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी उत्पन्न होने जैसी स्थिति में नहीं है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कुछ रिसर्चर्स ने पहले दावा किया था कि ब्रिटेन में लोगों के बीच हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो रही है। पहले ऑक्सफोर्ड की स्टडी में दावा किया गया था कि ब्रिटेन के लोगों में आम सर्दी-जुकाम जैसे मौसमी संक्रमण की वजह से पहले ही सामूहिक तौर पर हर्ड इम्यूनिटी का स्तर इतना है कि वे घातक कोरोना वायरस के फिर से पनपने पर उसका सामना कर सकते हैं।
वैक्सीन के जरिए ही पाई जा सकती है हर्ड इम्यूनिटी

डब्लूएचओ ने कहा कि हर्ड इम्यूनिटी विशेष तौर पर वैक्सीनेशन के माध्यम से हासिल की जाती है। अधिकतर वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कम से कम 70 प्रतिशत आबादी में घातक वायरस को शिकस्त देने वाली एंटीबॉडीज होनी चाहिए। लेकिन, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आधी आबादी में भी कोरोना वायरस से लड़ने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) हो तो एक रक्षात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकता है।