नई दिल्ली: कोराना महामारी की दूसरी लहर के दौरान देश भर में वैवैक्सीन की किल्लत की लगातार ख़बरें आ रहीं हैं. देश में इस समय सिर्फ दो कंपनी- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक वैक्सीन का निर्माण कर रही है। वैक्सीन बनाने का लाइसेंस सिर्फ इन्हीं कंपनियों के पास है. देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दूसरी दवा कंपनियों के साथ वैक्सीन का फार्मूला साझा करने की मांग की है ताकि जल्दी और ज़्यादा वैक्सीन बनाई जा सकें। अब एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में केंद्र की मंशा पर कई सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने पूछा है कि जब आईसीएमआर एक सरकारी संस्थान है तो फिर सिर्फ भारत बायोटेक को इसे बनाने का लाइसेंस क्यों?

मनमोहन भी लिख चुके हैं मोदी को पत्र
इससे पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने केंद्र से कोरोना वैक्सीन के लाइसेंस को लेकर सवाल उठाए चुके हैं। दलों की मांग है कि और कंपनियों का इसका अधिकार मिलना चाहिए ताकि वैक्सीन की किल्लत को दूर किया जा सके और वैक्सीनेशन प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरा हो। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी मोदी सरकार को पत्र लिखते हुए कहा था कि केंद्र कुल आबादी को देखें।

ओवैसी ने जारी किया वीडियो
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने ट्वीटर पर एक वीडियो जारी कर कोरोना वैक्सीन के लिए सिर्फ दो कंपनियों को लाइसेंस देने को लेकर का कि पीएम मोदी का इन कंपनियों से क्या कनेक्शन हैं?

ओवैसी का सवाल
ओवैसी ने वीडियो में आगे कहा कि आईसीएमआर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का है। आईसीएमआर ने कोवैक्सीन को बनाया है और इसका लाइसेंस भारत बॉयोटेक को दिया है। जब गवर्नमेंट लाइसेंस प्राइवेट कंपनी को दे रही है तो वो किसी और कंपनी को क्यों नहीं देती। ओवैसी ने लाइसेंस को लेकर कहा कि यदि सरकार देश में दूसरी कंपनियों को लाइसेंस देती है तो जितने सरकार के फार्मेसी के पब्लिक सेक्टर के अंडर टेकिंग जो खाली पड़े हुए हैं वो तुरंत इस वैक्सीन को बनाना शुरू कर देंगे।