लखनऊ: वसीम रिजवी और उसके 21 साथियों, जिन्होंने शिया वक्फ बोर्ड के चुनाव में वसीम रिज़वी का समर्थन किया था, उनके खिलाफ भारत भर से ओलमा और मज़हबी एवं समाजी तंज़ीमें और इदारे लिखित बयानों के माध्यम से अवाम से वसीम रिज़वी और उसके 21 साथियों के सामाजिक बहिष्कार की घोषणा की है और अवाम से उनके सामाजिक बहिष्कार की अपील जारी करते हुए उनहें मुर्तद और इस्लाम से ख़ारिज करार दिया है। विशेष रूप से, कश्मीर के उलेमा ने बयान जारी करके वसीम रिज़वी और उसके सभी 21 साथियों के सामाजिक बहिष्कार का एलान किया और उन्हें इस्लाम का दुश्मन करार दिया। मौलाना करामत हुसैन जाफरी, मौलाना मुख्तार हुसैन जाफरी, मौलाना आबिद हुसैन जाफरी, मौलाना कर्रार हुसैन जाफरी, मौलाना इनाम अली नकवी, मौलाना ज़हूर हुसैन, मौलाना ज़व्वर हुसैन नकवी, मौलाना सफदर हुसैन जाफरी, मौलाना बशीर हुसैन शाह, मौलाना नज़ीर हुसैन जाफरी और अन्य ओलमा ने वसीम रिजवी और उसके सहयोगियों के पूर्ण सामाजिक बहिष्कार करने की घोषणा की और उनहें इस्लाम से खारिज करार दिया।

इसके अलावा, आंध्र प्रदेश शिया उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना अब्बास बाक़िरी ने भी वसीम रिजवी और उनके साथियों को यज़ीदी करार दिया और निंदा की। फैज़ाबाद के उलेमा ने भी एक बयान जारी करके वसीम रिजवी और उनके साथियों के अपराध को अक्षम्य घोषित किया और पूर्ण सामाजिक बहिष्कार की अपील की, फैज़ाबाद से मौलाना मोहम्मद मोहसिन, मौलाना मोहम्मद हुज्जत, मौलाना वसी हसन खान, मौलाना नदीम रज़ा जैदी, मौलाना मोहम्मद अब्बास मोनिस, मौलाना जाफर रज़ा, मौलाना कमर मेहदी, मौलाना हैदर अब्बास, मौलाना मोहम्मद आज़िम और अन्य ओलमा ने बयान जारी किया।

इसी तरह, बाराबंकी जिले के 59 उलेमा ने वसीम रिजवी और उनके सहयोगियों के सामाजिक बहिष्कार और धर्म से ख़ारिज होने का एलान किया। 59 उलेमा में मौलाना मुहम्मद जाबिर जुरासी, मौलाना सैयद सफी हैदर सचिव तंज़ीमुल मकातिब, मौलाना रजा हैदर, मौलाना तस्दीक हुसैन, मौलाना गुलाम उस-सईदैन बाकिरी, मौलाना आलिम मेहदी, मौलाना तेहकीक हुसैन, मौलाना मुसी रज़ा युसफी, मौलाना अता मेहंदी,मौलाना मो0 रज़ा इमामे जुमा बाराबंकी और अन्य ओलमा शामिल है।

लखनऊ से मौलाना अख्तर अब्बास जौन, मौलाना तनवीर अब्बास, मौलाना अरशद हुसैन अर्शी, मौलाना मुशाहिद आलम रिजवी, मौलाना सईदुल हसन नकवी, मौलाना हैदर अब्बास रिजवी, मौलाना इस्तिफा रज़ा, मौलाना एहतेशामुल हसन,मौलाना नज़र अब्बास, मौलाना कल्बे आबिद खान, मौलाना अकबर अली, मौलाना आरिफ हुसैन, मौलाना फैज अब्बास मशहदी, मौलाना रज़ा हुसैन रिजवी, मौलाना हबीब हैदर,मौलाना अली अमीर रिज़वी,मौलाना अली हुसैन कुम्मी और अन्य ओलमा ने अपने तहरीरी बयानों और सोश्ल मीडिया के माध्यम से वसीम रिज़वी और उसके 21 सहयोगियों के बहिष्कार करने की अपील की और उन्हें मुर्तद करार दिया। लखनऊ की सभी अंजुमनों है ने भी बड़ी संख्या में वसीम रिजवी और उसके 21 साथियों के बहिष्कार करने की घोषणा की है।

अहलैब काउंसिल ऑफ इंडिया दिल्ली ने भी बयान जारी करके वसीम रिजवी और उनके साथियों की कड़ी निंदा करते हुए सामाजिक बहिष्कार की घोषणा की। दिल्ली से मौलाना सैयद कासिम शाही इमाम, मौलाना मुहम्मद मोहसिन तकवी इमामे जुमा शिया जामा मस्जिद दिल्ली,मौलाना असकरी रज़ा सांगली, इलाहाबाद से इमामे जुमा मौलाना हसन रजा और अमरोहा के वरिष्ठ धार्मिक आलिम मौलाना सियादत हुसैन साहब ने भी वसीम रिजवी और उसेे वोट देने वाले 21 मुतवल्लियों के खि़लाफ वीडियो बयान जारी करके निंदा की और उनके सामाजिक बहिष्कार की घोषणा की। जौनपुर से मौलाना सफदर हुसैन जैदी, बनारस से अंजुमने जुवानाने मकतबे हुसैनी बनारस, अंजुमने दस्ताए हैदरी जैदपुर, अंजुमने दस्ताए हुसैनी मेरठ, अंजुमने इमामिया सहारनपुर, अंजुमने अकबरिया सहारनपुर, आजमगढ़ से मौलाना इरफान अब्बास वाहेदी और अन्य ओलामा ने बयान जारी करके वसीम रिज़वी और उसके साथियों के बहिष्कार की अपील की ।

इसी प्रकार, ईरान में भारतीय छात्रों और ओलमा के 20 से अधिक सगंठनों ने भी वसीम मुर्तद और उसके समर्थकों की निंदा की और लोगों से उनके बहिष्कार करने की अपील की। उन संगठनों में मोअस्साए इमामे ज़माना, बज्मे जिक्रों फिक्र, सबील मीडिया, गदीर मिशन, भारत के छात्रों के प्रतिनिधि संगठन, मजलिसे उलेमाए राजस्थान,मजलिसे ओलमाए हिंद कुम और अन्य संगठन शामिल हैं।

मुंबई से, मौलाना हुसैन मेहदी हुसैनी, मौलाना वज़ीर अस्करी अबिदी गूंडी, मौलाना सैयद गुलाम अस्करी इमामे जुमा कुरला, मौलाना सैयद अशरफ इमाम ज़ैदी इमामे जुमा मलाड, मौलाना वकार मेहदी रिजवी सज्जादिया इमामबाडा,मौलाना हसन इमाम हैदरी मीरा रोड, और अन्य ओलमा ने वीडियो स्टेटमेंट जारी किया और सामाजिक बहिष्कार की अपील की।

वसीम मुर्तद और उसके सहयोगियों का बहिष्कार करने वाले ओलमा और संगठनों की एक पूरी सूची बाद में जारी की जाएगी। इस बयान में कुछ नाम शामिल हैं। पूरे भारत से वसीम मुर्तद और उसके साथियों की , निंदा और बहिष्कार का सिलसिला जारी है।