टीम इंस्टेंटखबर
उच्चतम न्यायालय ने मुसलमानों के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण देने वाले हरिद्वार धर्म संसद मामले में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ़ वसीम रिज़वी को मंगलवार को तीन महीने की अंतरिम जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने त्यागी, जिन्हें पहले वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था, को यह वचन देने का निर्देश दिया कि वह अभद्र भाषा में प्रयोग में फिर से शामिल नहीं होंगे और इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल या सोशल मीडिया पर कोई बयान नहीं देंगे।

इस साल मार्च में उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद त्यागी ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

बता दें कि दो जनवरी 2022 को हरिद्वार कोतवाली में ज्वालापुर हरिद्वार निवासी नदीम अली की शिकायत पर त्यागी व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि पिछले साल 17 से 19 दिसंबर तक हिंदू संतों द्वारा हरिद्वार में धर्म संसद या धार्मिक संसद का आयोजन किया गया था और इस आयोजन की आड़ में प्रतिभागियों को मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए उकसाया गया था।