पोर्ट ऑफ़ स्पेन
टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ बड़ा धमाका कर दिया है। शुक्रवार को उन्होंने क्वींस पार्क ओवल में शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने टेस्ट करियर का 29वां शतक जमाया। भारत के बाहर कोहली का ये 5 साल बाद शतक रहा। कोहली ने इस शतक के साथ कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। उन्होंने अपने 500वें मुकाबले में सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ दिया।

500वें मैच तक सचिन तेंदुलकर ने इंटरनेशनल करियर में 75 शतक जमा दिए थे। कोहली ने 76वां शतक जमाकर उन्हें पीछे छोड़ दिया। हालांकि इंटरनेशनल करियर (टेस्ट, वनडे, टी-20) में सर्वाधिक शतकों के मामले में सचिन तेंदुलकर 100 सेंचुरी के साथ टॉप पर हैं। विराट कोहली 76 शतकों के साथ दूसरे स्थान पर हैं।

फैब 4 में सर्वाधिक टेस्ट शतकों के मामले में कोहली ने केन विलियमसन को पीछे छोड़ दिया। इस मामले में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज स्टीव स्मिथ 32 शतकों के साथ पहले स्थान पर काबिज हैं। जो रूट 30 शतक के साथ दूसरे और विराट कोहली 29 शतकों के साथ तीसरे स्थान पर आ गए हैं। केन विलियमसन के नाम 28 शतक दर्ज हैं।

कोहली ने इसी के साथ एबी डिविलियर्स का भी रिकॉर्ड तोड़ डाला। वह वेस्टइंडीज के खिलाफ सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय शतक जमाने वाले तीसरे खिलाड़ी बन गए। इस मामले में भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर शीर्ष पर हैं। गावस्कर ने विंडीज के खिलाफ 13 शतक जमाए थे। इस मामले में साउथ अफ्रीका के दिग्गज जैक कैलिस ने 12 शतकों के साथ दूसरे स्थान पर हैं। कोहली ने विंडीज के खिलाफ 12वां शतक जमाकर उनकी बराबरी कर ली। एबी डिविलियर्स ने अपने करियर में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 11 शतक जड़े थे।

कोहली ने अपनी आखिरी टेस्ट सेंचुरी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मार्च में जड़ी थी। उन्होंने अहमदाबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में 186 रन बनाए थे। कोहली ने टेस्ट सेंचुरी के मामले में ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज सर डोनाल्ड ब्रैडमैन की बराबरी कर ली है। ब्रैडमैन ने 29 शतक जमाए थे। पिछले टेस्ट में 76 रन पर आउट होने वाले कोहली ने इस मैच में अपने फैंस को खुशी दे दी।

कोहली को 2018 में चार विदेशी शतक बनाने के बाद पांच साल तक इंतजार करना पड़ा और तब से यह टेस्ट में भारत के बाहर उनका पहला शतक है। उन्होंने भारत के बाहर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में दिसंबर 2018 में आखिरी सेंचुरी जमाई थी। कोहली का कैरेबियन द्वीप समूह में उनका दूसरा शतक है। इससे पहले 2016 में नॉर्थ साउंड में उनका पहला शतक दोहरे शतक में तब्दील हुआ था।