दिल्ली:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात के बाद कहा कि मणिपुर को शांति की जरूरत है और राहत शिविरों में दवाओं और अन्य जरूरी चीजों की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि सरकार को इन संकटों से उबरने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

हिंसा प्रभावित मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर आए कांग्रेस नेता ने शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। उनके साथ कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और कई पूर्वोत्तर राज्यों के एआईसीसी प्रभारी अजॉय कुमार भी थे। राज्यपाल से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि वह और उनकी पार्टी राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

राहुल गांधी ने राजभवन के सामने मीडिया से कहा, “मैं चाहता हूं कि पहले शांति बहाल हो। मैंने कुछ राहत शिविरों का दौरा किया और प्रभावित लोगों से मुलाकात की। इन राहत शिविरों में दवाओं और अन्य आवश्यक चीजों की कमी है, सरकार को कदम उठाना चाहिए।” पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हिंसा से कोई नतीजा नहीं निकलेगा। उन्होंने कहा, “मैंने सभी लोगों, सभी समुदायों और नेताओं से मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की अपील की है।”

बाद में उन्होंने ट्वीट किया, ”मैं मणिपुर के लोगों का दर्द साझा करता हूं। यह एक भयानक त्रासदी है। यह मणिपुर के सभी लोगों और भारत के लोगों के लिए भी अत्यंत दुखद और दर्दनाक है। मैं शिविरों में गया और सभी समुदायों के लोगों से मिला। एक बात जो मैं सरकार से कहूंगा वह यह कि शिविरों में बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है। खानेपीने की चीजें और दवाओं की आपूर्ति की जानी चाहिए। शिविरों से ऐसी शिकायतें आई हैं।”

“मैं मणिपुर में हर किसी से अपील करूंगा कि हमें शांति की जरूरत है। मेरी सभी से पुरजोर अपील है कि हिंसा से किसी को कुछ नहीं मिलेगा। शांति ही आगे बढ़ने का रास्ता है और हर किसी को अब शांति के बारे में बात करनी चाहिए और उसकी ओर बढ़ना शुरू करना चाहिए।” “मैं राज्य में शांति लाने के लिए हर संभव मदद करूंगा। मैं मणिपुर के सभी लोगों से प्यार करता हूं ।”

मणिपुर में दौरे के पहले दिन रोके जाने के बाद, कांग्रेस नेता ने शुक्रवार को बिष्णुपुर जिले के मोइरांग में राहत शिविरों का दौरा किया, जहां उन्होंने जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। इससे पहले गुरुवार को भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने चुराचांदपुर और इंफाल पश्चिम जिले में राहत शिविरों का दौरा किया था, जहां विस्थापित लोगों ने हिंसा के मद्देनजर शरण ली है। 3 मई से शुरू हुई हिंसा में अब तक 120 लोग मारे गए हैं, 400 से अधिक घायल हुए हैं। बड़ी संख्या में लोगों के घर जलाए गए हैं, संपत्तियां लूटी गई हैं।