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रूस के हमलों के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने मंगलवार को जारी एक वीडियो सन्देश में कहा है कि उनके देश को यह स्वीकार करना चाहिए कि वह अमेरिका के नेतृत्व वाले नेटो सैन्य गठबंधन का सदस्य नहीं बनेगा।

जानकारों के मुताबिक रूस को इसी बात की सबसे बड़ी चिंता थी और इसी को आधार बनाकर पर वह यूक्रेन पर अपने आक्रमण को सही ठहराता आया है।

ज़ेलेंस्की ने सैन्य अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “यूक्रेन नेटो का सदस्य नहीं है। हम इसे समझते हैं। हमने वर्षों से सुना है कि दरवाजे खुले थे, लेकिन हमने यह भी सुना कि हम इसमें शामिल नहीं हो सकते। यह एक सच्चाई है और इसे पहचाना जाना चाहिए।”

गौरतलब है कि यूक्रेन और रूस के बीच की जारी जंग गहराती जा रही है। जंग को खत्म करने को लेकर दोनों देशों के बीच अबतक चार दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन इसका अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला है। इस युद्ध में अबतक सैकड़ों आम नागरिक और हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं।

इस मसले पर बुधवार 16 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने सुनवाई होगी। बताया जा रहा है कि यूक्रेन द्वारा दायर किए गए याचिका पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय 16 मार्च को अपना फैसला सुना सकता है। पिछली सुनावई में कोर्ट ने कहा कि था वह रूस के खिलाफ यूक्रेन के मामले में 16 मार्च को फैसला सुनाएगा। यूक्रेन ने रूस पर ‘नरसंहार की योजना बनाने’ का आरोप लगाया गया है।