टीम इंस्टेंटखबर
हरिद्वार में आयोजित ‘‘धर्म संसद’’ में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए नफरत भरे भाषण देने वालों के खिलाफ पुलिस ने UAPA लगाने से इंकार कर दिया है, पुलिस के अनुसार इन भाषणों से कोई हिंसा नहीं भड़की और न ही किसी की हत्या हुई है.

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने कहा कि हमने प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 153 ए की दोनों धाराओं को शामिल किया है। हमें कानून के अनुसार काम करना होगा, यूएपीए लागू नहीं कर सकते क्योंकि इस घटना से कोई हिंसा या हत्या नहीं हुई।

उन्होंने मामूली धाराओं के तहत केस दर्ज करने के आरोपों से इनकार किया और कहा कि नफरत भरे वीडियो को फेसबुक से हटा लिया गया है।

बता दें कि, हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 17 से 20 दिसंबर तक आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने कथित तौर पर भड़काऊ एवं उत्तेजक भाषण दिए और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या करने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने लोगों से हथियार उठाने और एक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गोली मारने की भी अपील की।

‘‘धर्म संसद’’ का आयोजन जूना अखाड़ा के यति नरसिंहानंद गिरि ने किया था, जिन पर विगत में भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने और हिंसा भड़काने के आरोप हैं। नरसिंहानंद ने हिंदू युवाओं को “प्रभाकरण” और “भिंडरांवाले” बनने का आह्वान किया और हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ हथियार उठाने के लिए उकसाया।

कार्यक्रम में बच्चों द्वारा तलवार और त्रिशूल दिखाने के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि वे पारंपरिक चीजें हैं। उन्होंने न तो कोई हथियार खरीदा और न ही कोई हथियार कारखाना मिला. यह सब जांच का हिस्सा है।