मेरठ: पहले जोफ्रेड और राल्फेड और अब रज़ा और शुज़ा, मेरठ में सगे भाइयों की कोरोना से मौत का यह दूसरा मामला सामने आया है. मेरठ में रहने वाले वकार हुसैन जैदी का हंसता-खेलता परिवार पांच दिनों में ही उजड़ गया। वकार हुसैन के दो बेटे पांच दिन के अंदर दुनिया को अलविदा कह गए। बिलकुल उसी तरह जैसे जोफ्रेड और राल्फेड वर्गीज़ इस दुनिया से चले गए.

नगर निगम से रिटायर वकार हुसैन जैदी के दो बेटे- 27 वर्षीय रजा हुसैन जैदी और 24 वर्षीय शुजा हुसैन जैदी एक दूसरे से काफी करीब थे। दोनों ने एक ही स्कूल में पढ़ाई की थी और इसके बाद कॉलेज भी साथ गए थे और साथ में इंजीनियरिंग की। कुछ दिन पहले शुजा हुसैन की तबियत खराब हुई तो उसका कोविड परीक्षण किया जो पॉजिटिव निकला। शुजा को इसके बाद एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत में सुधार हो रहा था।

शुजा अभी ठीक ही हो रहा था कि 22 मई को तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े रजा को भी बुखार की शिकायत हुई। जब रजा की हालत बिगड़ने लगी तो उसे उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पहले से उसका छोटा भाई शुजा एडमिट था। रजा की हालत बिगड़ने लगी और कुछ ही घंटे के भीतर उसकी मौत हो गई। शुज़ा को भाई के मरने की खबर नहीं थी.

26 मई की शाम को शुजा की हालत अचानक बिगड़ गई , हृदय गति तेज होने और ऑक्सीजन का स्तर कम होने लगा औऱ डॉक्टरों ने तमाम कोशिशें की लेकिन उसे बचाया ना सका। दो बेटों को खोने वाले पिता वकार हुसैन जैदी, मां तसलीम फातिमा और भाई मुर्तजा हुसैन जैदी मौत के गम में टूट चुके हैं।

इसके पहले 13 मई को 24 वर्षीय जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी का भी कोविड के कारण निधन हो गया था। जोफ्रेड का जुड़वां भाई राल्फ्रेड उसी अस्पताल में अपने जीवन के लिए जूझ रहा था, जिसकों भाई की मौत का पता चल गया और अगले ही दिन उसने भी दम तोड़ दिया।